हरियाणा विधानसभा चुनाव जीतकर भाजपा ने न सिर्फ सारे एग्जिट पोल्स को झूठा साबित कर दिया बल्कि अपने विरोधियों को भी चौंका दिया है। शिवसेना यूबीटी नेता संजय राउत भी भाजपा की हरियाणा में अप्रत्याशित जीत से हैरान हैं और खुद को भगवा पार्टी की तारीफ करने से भी नहीं रोक पाए।
संजय राउत ने कहा कि ‘दोनों राज्यों (हरियाणा और जम्मू कश्मीर) की अपनी अहमियत है, लेकिन जम्मू कश्मीर भाजपा के लिए ज्यादा अहम था। वे उस जगह से हार गए, जहां उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाया था। विपक्षी गठबंधन हरियाणा में नहीं जीत पाया क्योंकि कांग्रेस को लगा कि वह अपने दम पर जीत सकते हैं और उन्हें सत्ता में किसी सहयोगी की जरूरत नहीं है। कांग्रेस नेता हुड्डा जी को लगा कि वे जीत जाएंगे। अगर उन्होंने समाजवादी पार्टी, आप या अन्य छोटी पार्टियों के साथ गठबंधन किया होता तो नतीजा कुछ और होता। भाजपा ने जिस तह से चुनाव लड़ा, वह काबिले तारीफ है। भाजपा ने हारी हुई लड़ाई जीती है।’
हरियाणा में हार के बाद विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस की सहयोगी टीएमसी ने कांग्रेस की आलोचना की है। टीएमसी सांसद साकेत गोखले ने कांग्रेस का नाम लिए बिना आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा कि यह रवैया चुनाव में हार का कारण बना कि अगर हमें लगता है कि हम जीत रहे हैं तो हम किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे, लेकिन जिन राज्यों में हम पिछड़ रहे हैं, वहां क्षेत्रीय पार्टियों को हमें जगह देनी चाहिए।’ गोखले ने लिखा कि अहंकार और क्षेत्रीय दलों को नीची निगाह से देखना आपदा का कारण बनता है। टीएमसी सांसद की इस टिप्पणी को सीधे तौर पर कांग्रेस के साथ जोड़कर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि विपक्षी गठबंधन में कांग्रेस की सहयोगी आम आदमी पार्टी और सीपीआई भी कांग्रेस के हरियाणा में अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति की आलोचना कर चुके हैं।
हरियाणा में कांग्रेस के साथ गठबंधन करने की इच्छुक आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि हाल के चुनावों से सबसे बड़ी सीख यह मिली है कि किसी को ‘अति आत्मविश्वासी’ नहीं होना चाहिए। भाकपा महासचिव डी राजा ने भी कहा कि कांग्रेस को हरियाणा के चुनाव परिणामों पर आत्मचिंतन करने की जरूरत है और उसे महाराष्ट्र तथा झारखंड में आगामी चुनावों में सभी भारतीय ब्लॉक सहयोगियों को साथ लेकर चलना चाहिए।