कर्नाटक में एक बार फिर विधायकों की खरीद-फरोख्त का मामला उठा है। इस बार यह आरोप कर्नाटक सरकार में गृह मंत्री और कांग्रेस नेता जी. परमेश्वर की तरफ से लगाया गया है। उन्होंने कहा, “भाजपा अभी भी विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही है। वह ऐसा करती रहती है। यह सच भी हो सकता है, क्योंकि मुख्यमंत्री ने कहा है कि यह करोड़ों में हो रहा है। अगर हमें सही दस्तावेज मिलते हैं तो हम इस मामले की जांच करेंगे। अगर रिकॉर्ड्स मिलें तो क्यों न जांच की जाए? भाजपा को ऑपरेशन लोटस के लिए जाना जाता है। वे इसमें एक्सपर्ट हैं।”
गृह मंत्री की तरफ से यह आरोप ऐसे समय में आए हैं, जब कुछ दिन पहले ही राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी विधायकों की खरीद फरोख्त को लेकर बयान दिया था। सिद्धारमैया का दावा था कि भाजपा ने उनकी सरकार को गिराने के लिए 50 विधायकों को खरीदने की साजिश रची थी। विधायकों को 50-50 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी। इस पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता को चुनौती दी है कि वह अपने दावों को साबित करें।
हालांकि, सिद्धारमैया अपने दावे पर बने रहे थे। उन्होंने कहा था, “मैंने वही कहा जो उन्होंने पहले किया था। मैंने कहा कि उन्होंने 50 करोड़ रुपये की पेशकश करके सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की, जिसमें वे सफल नहीं हुए।”
मैसूर में एक कार्यक्रम के दौरान सीएम सिद्धारमैया ने कहा था कि किसी तरह सिद्धारमैया सरकार को गिराने के लिए भाजपा ने 50 विधायकों को 50 करोड़ रुपये की पेशकश की। उनके पास इतना पैसा कहां से आया? क्या पूर्व मुख्यमंत्रियों बीएस येदियुरप्पा, बसवराज बोम्मई, विपक्ष के नेता आर अशोक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने पैसे छापे? यह सब घूस का पैसा था।
सीएम ने कहा था कि भाजपा नेताओं ने करोड़ों रुपये कमाए हैं। इस बार हमारे किसी भी विधायक ने उनकी पेशकश को स्वीकार नहीं किया। इसलिए उन्होंने किसी तरह इस सरकार को हटाने के लिए अभियान शुरू किया है और वे विधायकों के खिलाफ झूठे मुकदमे दर्ज करा रहे हैं।