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अतुल सुभाष सुसाइड केस: पत्नी निकिता सिंघानिया समेत 4 पर FIR, बेंगलुरु पुलिस ने शुरू की तफ्तीश

बेंगलूरु की आईटी कंपनी में बतौर AI इंजीनियर काम करने वाले अतुल सुभाष की खुदकुशी के मामले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस मामले में अब अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया समेत 4 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। इस मामले में अतुल की सिंघानिया की सास निशा सिंघानिया, चाचा ससुर सुशील सिंघानिया और साले अनुराग सिंघानिया को मामले में नामजद किया गया है। अतुल के भाई विकास कुमार की ओर से बेंगलुरु के मारथहल्ली पुलिस स्टेशन में इस बाबत शिकायत दर्ज कराई गई थी।

बेंगलुरु पुलिस ने अब इस मामले में भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है। चारों आरोपियों पर (BNS) की धारा 108 के तहत खुदकुशी के लिए उकसाने और धारा 3(5) के तहत सामूहिक रूप से किसी की खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया गया है। बता दें कि अतुल सुभाष ने खुदकुशी करने से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था। साथ ही करीब 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो भी जारी किया था। इसमें अतुल ने अपनी पत्नी, ससुराल पक्ष और मामले की सुनवाई करने वाली महिला जज पर गंभीर आरोप लगाए थे।

बेंगलुरु में रहने वाले 34 वर्षीय इंजीनियर अतुल सुभाष ने अपनी पत्नी और ससुरालवालों पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि पत्नी ने सेटलमेंट के लिए पहले एक करोड़ रुपये मांगे, लेकिन बाद में यह मांग तीन करोड़ तक पहुंच गई। शादी के बाद उन पर दहेज उत्पीड़न, हत्या और अप्राकृतिक यौन शोषण जैसे झूठे मामले दर्ज कराए गए। इसके अलावा, बेटे से भी मिलने नहीं दिया गया। पत्नी ने कोर्ट में सुनवाई के दौरान यहां तक कहा कि तुमने अभी तक सुसाइड क्यों नहीं किया, मुझे तो लग रहा था कि तुम सुसाइड कर चुके होगे।

अतुल ने अपने सुसाइड नोट और आखिरी वीडियो में जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज पर रिश्वत मांगने का आरोप लगाया। अतुल ने कहा कि जज ने केस सेटल करने के लिए उनसे पांच लाख रुपए मांगे। यहां तक कि जज के सामने पत्नी ने उन्हें सुसाइड करने की बात कही, जिस पर जज ने ठहाका लगाकर हंसी। वीडियो में अतुल ने कहा कि कोर्ट और पुलिस जैसी संस्थाएं उनके जैसे लोगों को ही परेशान कर रही हैं। ऐसे में मेरे लिए सुसाइड करना ही ठीक होगा, क्योंकि मेरे दिए टैक्स के पैसे से मेरे दुश्मन ही बलवान हो रहे हैं।

अतुल ने वीडियो में बताया कि तलाक केस में उन्हें 120 बार कोर्ट बुलाया गया। इनमें से 40 बार उन्हें बेंगलुरु से जौनपुर आना पड़ा। उन्होंने कहा कि साल में सिर्फ 23 छुट्टियां होने के बावजूद कोर्ट केस लड़ पाना असंभव है। इस सिस्टम ने मुझे और मेरे परिवार को मानसिक और आर्थिक रूप से तोड़ दिया है। इसके साथ ही अतुल ने अपने परिवार वालों को आगाह किया कि वह उनकी पत्नी से बिना कैमरे के मिलने नहीं जाएं, क्योंकि मुझे इस बात का शक है कि मेरी पत्नी मेरे परिवार के लोगों के खिलाफ रेप का झूठा केस भी दर्ज करा सकती है।

अतुल ने कहा कि उनकी अस्थियां तब तक विसर्जित न की जाएं जब तक उनके उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा न मिले। उन्होंने अपने बेटे के लिए एक गिफ्ट छोड़ा, जिसे वह 2038 में खोल सके। उन्होंने अपील की कि उनका बेटा उनके माता-पिता को सौंप दिया जाए ताकि उसे बेहतर परवरिश मिल सके। उन्होंने Justice Is Due लिखी टीशर्ट पहनकर सुसाइड किया, जो उनके टूटे हुए विश्वास को दर्शाता है।

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