रायपुर: गांजे की तस्करी में शामिल जीआरपी के तीन बर्खास्त आरक्षकों की डेढ़ करोड़ की संपत्ति कोको अटैच किया गया है। जीआरपी में पदस्थ लक्ष्मण गाइन, संतोष राठौर, मन्नू प्रजापति और सौरभ नागवंशी गांजे का कारोबार करते थे। सभी की संपत्ति की जांच के बाद बिलासपुर पुलिस ने संपत्ति जब्त की है। जांच में खुलासा हुआ है कि इनके नाम पर लग्जरी मकान, कार और महंगी बाइक मिले हैं।
जानकारी के मुताबिक फाइनेंशियल इन्वेस्टिगेशन में उनके खिलाफ जांच के बाद जमीन, मकान और महंगी गाड़ियां मिली हैं। इसे जब्त कर सीज करने सफेमा कोर्ट मुंबई को प्रकरण भेजा गया है।जांच में पता चला है कि आरक्षक मन्नू प्रजापति अपने साले के बैंक खाते में रुपए जमा कराता था। उसके खाते में करोड़ों रुपए के ट्रांजेक्शन मिले हैं।
खुलासा ये भी हुआ है कि आरक्षकों ने कोरबा में करोड़ों की संपत्ति बनाई थी। इस मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब 23 अक्टूबर को उनके साथी योगेश सोंधिया और रोहित द्विवेदी से 20 किलो गांजा जब्त किया था। दोनों के खिलाफ जीआरपी थाने में केस दर्ज किया गया। जांच में पाया गया कि, चारों आरक्षक अवैध कारोबार में शामिल है।
आरोप है कि आरक्षकों की टीम नियमित रूप से दुर्ग, गोंदिया, रायपुर, चांपा, सक्ती, रायगढ़, रूट पर नियमित गश्त करती थी। उनके साथ बाहर के युवक भी रहते थे। गांजा पकड़ने के बाद उसे जब्त करने के बजाय दूसरे आरोपियों को सौंप दिया जाता था। वे छत्तीसगढ़ के कई जिलों के साथ देश के कई राज्यों के तस्करों को गांजा बेचते थे।
वे ट्रेन में गांजा पकड़कर अपने सहयोगी योगेश उर्फ गुड्डू सोंधिया और श्यामधर उर्फ छोटू चौधरी को देते थे।एसपी रजनेश सिंह ने बताया कि, आरक्षकों ने सीधे खातों में पैसे लेने के साथ ही यूपीआई से भी रुपए लिए हैं। आरक्षकों ने अपने और घर परिवार वालों के नाम से कई यूपीआई अकाउंट बना रखे थे। सभी यूपीआई नंबर पर सीधे लाखों रुपए का लेनदेन करते थे।