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BSF इंस्पेक्टर से डिजिटल अरेस्ट का मामला: क्राइम ब्रांच ने UP से 2 बदमाशों को दबोचा, 71 लाख की हुई थी ठगी

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में ग्वालियर के पास स्थित डबरा से डिजिटल अरेस्ट का अबतक का सबसे बड़े मामले में पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने उत्तर प्रदेश के दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इन आरोपियों ने न केवल बीएसएफ इंस्पेक्टर से डिजिटल अरेस्ट कर 71 लाख की ठगी कर ली थी । बल्कि एक महीने तक उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके रखा था।

मामला टेकनपुर का है। जहां से डिजिटल अरेस्ट का सबसे बड़ा मामला सामने आए है। वारदात के दौरान आरोपी ठगों ने बीएसएफ के इंस्पेक्टर को डिजिटल अरेस्ट कर 71 लाख रुपए ठग लिए। वहीं मनीलॉन्ड्रिंग का डर दिखाकर करीब एक महीने तक डिजिटल अरेस्ट करके रखा। आरोपियों से पीछा छुड़वाने के लिए इंस्पेक्टर ने अपनी संपत्ति बेचकर रकम का इंतजाम किया।

दरअसल ग्वालियर क्राइम ब्रांच पुलिस से टेकनपुर स्थित बीएसएफ में पदस्थ इंस्पेक्टर अबसार अहमद ने शिकायत में बताया कि 2 दिसंबर 2024 को सुबह 11.29 बजे उनके मोबाइल पर वॉट्सऐप कॉल आया था। सामने वाले ने खुद को मुंबई साइबर व क्राइम ब्रांच का अफसर बताते हुए कहा कि आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तारी वारंट है। आपके इस नंबर पर कई केस चल रहे हैं।

कई जगह आपके मोबाइल का गलत उपयोग हुआ है। इतना ही नहीं मुंबई क्राइम ब्रांच अफसर ने यह भी कहा कि आपके साथ ही पूरे परिवार को अरेस्ट करने के कोर्ट के आदेश हैं। BSF इंस्पेक्टर अहमद ने बताया कि उसने ऐसा कुछ नहीं किया है। तो वॉट्सऐप पर वीडियो कॉल कर बात कर रहे फर्जी मुंबई साइबर व क्राइम ब्रांच अधिकारी ने बताया था कि आपका फोन टेप हो रहा है।

अगर किसी को इस बारे में बताया तो आपके बच्चों ओर परिवार के लोगों को अरेस्ट कर लिया जाएगा। BSF इंस्पेक्टर उत्तर प्रदेश के रहने वाले और ग्वालियर में अकेले रहते हैं इसलिए वह डर गए और बात मानते चले गए। इसके बाद सबसे पहले 15 लाख रुपए की मांग की गई। बताया कि एक-एक पैसे की जांच होगी।

विश्वास मानों कि यदि आप गलत नहीं हाे तो केस क्लोज होते ही पूरा पैसा वापस मिल जाएगा। इसी दौरान तकरीबन 34 ट्रांजैक्शन में 71लाख 25 हजार रुपए BSF इंस्पेक्टर ने वीडियो कॉल करने वाले ठगों को थमा चुके थे। इस दौरान इंस्पेक्टर ने यह रकम दिल्ली में स्थित फ्लैट और अपनी जमीन बेचने का सौदा कर एडवांस लिए थे।

साथ ही कुछ दोस्तों के साथ साथ बैंक में सेविंग की गई रकम इकट्ठा कर चुकाई थी। वह इतना सहम चुके थे कि लगातार एक महीने से ठगों के संपर्क में आने के बाद उनके कहे मुताबिक पैसे देते चले गए। BSF इंस्पेक्टर अबसार अहमद ने 2 जनवरी 2025 को बेटे से बात की और उससे इसका जिक्र किया। बेटे ने उनको समझाया कि वह स्कैम का शिकार हुए हैं। उनको ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया है। उन्होंने बेटे की समझाइश के बाद अपने बेटे के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे। जिसके बाद क्राइम ब्रांच पुलिस ने साइबर ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच पड़ताल क्यों कर दी है।

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