पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को कलकत्ता हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। कलकत्ता हाई कोर्ट ने 2011 के बाद से बने 5 लाख OBC प्रमाण पत्र रद्द करने फैसला सुनाया है। इसका मतलब की अब ओबीसी प्रमाण पत्र से नौकरी के आवेदनों में भी मान्यता नहीं होगी। हाई कोर्ट का यह फैसला CM ममता बनर्जी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। इस फैसले के कई दूरगामी प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।
कलकत्ता हाई कोर्ट में जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और राजशेखर मंथा की डिवीजन बेंच ने एक जनहित याचिका लगी थी, जिसमें ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए गए थे।
कलकत्ता हाई कोर्ट में जस्टिस तपब्रत चक्रवर्ती और राजशेखर मंथा की डिवीजन बेंच ने बुधवार को एक जनहित याचिका की सुनवाई पर ये फैसला सुनाया। इस जनहित याचिका में ओबीसी प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए गए थे। इस मामले में कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि ओबीसी प्रमाण पत्र 1993 के एक्ट के तहत बने पश्चिम बंगाल पिछड़ा आयोग के हिसाब से तय प्रक्रियाओं के तहत ही बनाए जाएं।
2011 के बाद से बने 5 लाख OBC प्रमाण पत्र में 1993 के एक्ट का पालन नहीं किया गया है। प्रमाण पत्रों को बनाने में नियमों को ताक पर रखा गया है। लिहाजा हम 5 लाख OBC प्रमाण पत्र को रद्द करने का फैसला सुनाते हैं।