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Char Dham Yatra 2024 : चार धाम यात्रा में अब तक 64 लोगों ने गंवाई अपनी जान, मौत का वजह जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

नई दिल्ली : चारधाम यात्रा में हो रही श्रद्धालुओं की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ते जा रहा है। हाल ही में हेमकुंड साहिब यात्रा पर आए पंजाब के तीन तीर्थयात्रियों की दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। इसके अलावा बद्रीनाथ धाम में भी एक तीर्थयात्री की दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई है। इसके साथ ही हेमकुंड साहिब समेत सभी चार धामों में दिल का दौरा पड़ने से मरने वालों की संख्या 64 हो गई है।

केदारनाथ में अब तक 27 लोगों की मौत
केदारनाथ धाम की 17 दिनों की यात्रा में अब तक 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। हाइपोथर्मिया और दिल का दौरा मौत के मुख्य कारण हैं। जिन तीर्थयात्रियों को पहले से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, उन्हें केदारनाथ धाम में स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

इन दिनों केदारनाथ धाम में हर दिन हल्की बारिश होने के कारण तापमान शून्य डिग्री तक पहुंच रहा है। दोपहर के बाद हर दिन बारिश हो रही है। इसके कारण तापमान बहुत कम है और धाम में हर समय ठंडी हवा चलती रहती है। इसके साथ ही कई तीर्थयात्री बिना शर्ट और गर्म कपड़ों के धाम पहुंच रहे हैं। बारिश में भीगने पर स्थिति और खराब हो जाती है। अत्यधिक ठंड के कारण तीर्थयात्री हाइपोथर्मिया के शिकार हो रहे हैं, जो मौत का कारण भी बन रहा है।

स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना कर रहे तीर्थयात्री
दूसरी ओर, जिन तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, वे भी केदारनाथ धाम में स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर रहे हैं। आम तौर पर जब तीर्थयात्री गर्म क्षेत्र से सीधे केदारनाथ धाम पहुंचते हैं तो इसका उनके स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। पुलिस और प्रशासन केदारनाथ धाम के परमिट के जरिए तीर्थयात्रियों को मौसम के बारे में सूचित करते रहते हैं।

इसके बावजूद बड़ी संख्या में तीर्थयात्री बिना गर्म कपड़ों के केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं, जो मौत का कारण भी बन रहा है। सरकार ने कहा है कि पचास साल से अधिक उम्र के तीर्थयात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण जरूरी है, लेकिन तीर्थयात्री बिना किसी जांच के केदारनाथ धाम पहुंच रहे हैं। तीर्थयात्रियों की संख्या बहुत अधिक है, ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के लिए हर तीर्थयात्री का स्वास्थ्य जांचना संभव नहीं है।

ये है मौत का कारण
इसके साथ ही एक समस्या यह भी है कि यदि किसी तीर्थयात्री को स्वास्थ्य समस्या होती है तो वह तुरंत डॉक्टर के पास नहीं जाता, बड़ी समस्या होने पर ही अस्पताल पहुंचता है, जो मौत का कारण बन रहा है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. एचसीएस मार्तोलिया ने बताया कि केदारनाथ यात्रा में 2008 तीर्थयात्रियों का ओपीडी के माध्यम से इलाज किया गया, जिसमें 1329 पुरुष और 679 महिलाएं शामिल थीं।

अब तक 34,655 तीर्थयात्रियों का किया गया है इलाज
अब तक 34,655 तीर्थयात्रियों का ओपीडी और आपातकाल के माध्यम से इलाज किया गया है, जिसमें 26,554 पुरुष और 8,101 महिलाएं शामिल हैं। 234 तीर्थयात्रियों को ऑक्सीजन की सुविधा प्रदान की गई। अब तक 1983 तीर्थयात्रियों को ऑक्सीजन की सुविधा प्रदान की गई है। उन्होंने बताया कि पचास साल से अधिक उम्र के तीर्थयात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण जरूरी है, हर तीर्थयात्री का जांच करना संभव नहीं है।

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