नेपाल की राजनीति में बड़ा भूचाल आने वाला है. वहां के प्रधानमंत्री पुष्प कमल प्रचंड की सरकार गिर सकती है. खबर है कि नेपाली कांग्रेस और नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी एकीकृत मार्क्सवादी लेनिनवादी के नेताओं में इसको लेकर मीटिंग भी हुई है. ये 2 बड़ी पार्टियां पुष्प कमल को सत्ता से हटाकर बारी-बारी से खुद सरकार में आ सकती हैं.
बता दें कि 4 महीने पहले ही केपी शर्मा ओली की सीपीएन-यूएमएल सत्ताधारी गठबंधन में शामिल हुई थी. प्रचंड ने इसी साल मार्च में शेर बहादुर देउबा की नेपाली कांग्रेस से गठबंधन तोड़कर ओली के साथ गठबंधन किया था. अब ओली ने कहा कि देश को मौजूदा हालात में नहीं चलाया जा सकता है. शेर बहादुर देउबा को भारत समर्थक माना जाता है, वहीं ओली चीन के काफी करीबी माने जाते हैं.
दोनों दल एक दूसरे से दिख रहे सहमत
एक रिपोर्ट के मुताबिक, नेपाली कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि दोनों नेताओं ने चुनाव प्रणाली और आवश्यक बदलावों के बारे में सहमति जताई है. दोनों दल सदन के बचे 32 महीने के लिए गठबंधन करने पर सहमत हुए हैं, लेकिन पहले आधे समय में कौन सरकार बनाएगा, इस पर अभी मंथन चल रहा है. वहीं, मीडिया रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि प्रधानमंत्री प्रचंड ने रविवार को ओली के साथ भी एक बैठक की. अटकले हैं कि वे सत्तारूढ़ गठबंधन से बाहर निकलने पर विचार कर रहे हैं.
खारिज कीं सभी अटकलें
काठमांडू पोस्ट से नेपाली कांग्रेस के प्रचार विभाग के प्रमुख मीन बहादुर बिश्वकर्मा ने कहा कि बैठक सकारात्मक थी, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि दोनों दल साथ में नई सरकार बनाने के लिए सहमत हो गए हैं. वहीं, ओली के प्रचार विभाग के प्रमुख राजेंद्र गौतम ने गठबंधन में किसी भी बदलाव की संभावना को खारिज किया है. गौतम ने कहा कि दहल के नेतृत्व वाली सरकार स्थिर है और यूएमएल उसका समर्थन करना जारी रखेगी.