भाजपा के जनप्रतिनिधि जीत के साथ ही बेफिक्र हो गए है । कांग्रेस को मुद्दे की तलाश है। भाजपा, आदिवासी हित की सुरक्षा कर नही पा रहे है दूसरी तरफ कांग्रेस बस्तर सरगुजा में मुद्दा पा गई है। मुद्दा वितरण प्रणाली में बटने वाला चना है जो अप्रेल से नहीं बट रहा है। बाटने की बारी भी आई तो खाद्य संचालनालय का पीडीएस प्रभारी भाजपा को आदिवासी विरोधी पार्टी बनाने में सफल हो रहा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय स्वयं आदिवासी समाज से आते है।आदिवासियों की चिंता उन्हे रहती है लेकिन जून महीने में खाद्य संचालनालय के पीडीएस प्रभारी ने ऐसा कारनामा किया है कि प्रदेश के आदिवासी भाजपा को कोस रहे है और मान रहे है कि बहुमत देकर गलती कर गए है। डा रमन सिंह के मुख्य मंत्रित्व काल में छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल क्षेत्रों के गरीब लोगों को पांच रुपए किलो में हर महीने की एक तारीख से महीने की आखिरी तारीख तक राशन दुकानों के माध्यम से दो किलो चना देने का काम शुरू किया गया था।
कांग्रेस का शासन काल आया तो चना वितरण योजना जारी रही। भूपेश बघेल खुद इस योजना की समीक्षा करते थे। 2023 नवंबर में भाजपा सत्ता में आई तो विष्णुदेव साय ने केबिनेट बैठक में चना वितरण योजना को जारी रखने और हर महीने के एक तारीख से महीने के आखिरी तक चना वितरण का आदेश जारी किया था।
खाद्य संचालनालय का पीडीएस प्रभारी ने अप्रैल और मई में चना नही बटवाया। जून में अप्रैल और मई के दो महीने का चना एक साथ बाटने के लिए एक जून से ग्यारह जून तक ई पॉस मशीन में चना बाटने का विकल्प नही दिया गया। बारह जून को विकल्प दिया गया लेकिन प्रचार प्रसार नही किया गया। जब तक आदिवासी क्षेत्र में जानकारी होती पच्चीस जून को ई पॉस मशीन से चना वितरण का विकल्प हटा दिया गया है।
आदिवासी क्षेत्र में पूरे महीने चना न बाटने और केवल दस दिन बीते अप्रैल और मई का चना बाटने से साठ फीसदी आदिवासी लोगो को दो महीने का चना नही बटने से आदिवासी क्षेत्र में आक्रोश बढ़ते जा रहा है। जून महीना बीत जाने के बाद एक तरफ अप्रैल मई का चना नही मिला और जून महीना भी बीत गया है जून का चना कहां गया इसकी जांच की मांग की जा रही है।
खाद्य विभाग के अधिकारियो का कहना है कि खाद्य संचालनालय में सालो से पीडीएस का काम देखने वाला अधिकारी मनमानी से बाज नहीं आ रहा है। इसके मनमानी से मुख्य मंत्री विष्णु देव साय सरकार की आदिवासी बहुल क्षेत्रों में छबि खराब हो रही है। इस अधिकारी के तानाशाही के चलते कांग्रेस शासन में अरबों का राशन घोटाला हो गया है जिसकी जांच विधान सभा के सदस्यो के द्वारा जांच संबंधी पहली बैठक 19जून 2024को हो चुकी है