पुणे में एक व्यक्ति ने तीन साल से लापता अपने पिता की तस्वीर देखने के बाद पुलिस से संपर्क किया। उन्हें अपने पिता की तस्वीर महाराष्ट्र सरकार की ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ के पोस्टर पर दिखी। तस्वीर को हाल ही में सत्तारूढ़ शिवसेना से जुड़े एक सोशल मीडिया अकाउंट पर अपलोड किया गया था।
शिकरापुर निवासी भरत तांबे ने कहा कि पुलिस और राज्य सरकार को इंस्टाग्राम पर जारी किए गए इस विज्ञापन के विवरण और उन परिस्थितियों पर गौर करना चाहिए, जिसमें उनके पिता ज्ञानेश्वर तांबे (68 वर्षीय) की तस्वीर दिखाई गई थी। ताकि उनका पता लगाया जा सके और उन्हें परिवार से मिलाया जा सके।
शिकरापुर थाने में दर्ज कराई गई शिकायत
एक होटल के मालिक भरत तांबे ने बताया, “मेरे एक दोस्त ने यह विज्ञापन देखा और मुझे स्क्रीनशॉट भेजकर सतर्क किया। मेरे पिता पिछले तीन साल से लापता हैं। मैंने शिकरापुर पुलिस थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई है। अधिकारियों और राज्य सरकार को मेरे पिता का पता लगाना चाहिए। सोशल मीडिया पर अपलोड किए गए इस विज्ञापन को हटा दिया गया है।”
‘पैदल यात्रा के दौरान की हो सकती है तस्वीर’
उन्होंने कहा, “हमने पहले कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई थी, क्योंकि मेरे पिता की आदत थी कि वह बिना किसी को बताए रिश्तेदारों के घर चले जाते थे और कुछ दिनों में घर लौट आते थे। ऐसा हो सकता है कि आलंदी से पंढरपुर तक की भगवान विट्ठल भक्तों की पैदल यात्रा के दौरान यह तस्वीर ली गई हो।”
पुलिस ने इस पूरे मामले पर क्या कहा
शिकरापुर थाने के वरिष्ठ निरीक्षक दीपरतन गायकवाड़ ने बताया कि गुमशुदगी की शिकायत दर्ज होने के बाद ज्ञानेश्वर तांबे का पता लगाने के लिए दो टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने कहा, “हमारा ध्यान पंढरपुर और आलंदी पर हैं। परिवार को शक है कि तस्वीर श्रद्धालुओं की यात्रा के दौरान ली गई थी।” गायकवाड़ ने कहा, “हम यह भी देखेंगे कि विज्ञापन में उनकी तस्वीर कैसे दिखाई दी।”
राज्य सरकार मामले पर जारी किया बयान
इस बीच, राज्य सरकार ने मीडिया में एक व्यक्ति के लापता होने की खबरें आने के बाद एक स्पष्टीकरण जारी किया। सरकार ने दावा किया कि विज्ञापन उसने जारी नहीं किया था और न ही इसे किसी सरकार से जुड़े सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए पोस्ट किया गया था। हाल ही में घोषित मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना का मकसद सभी समुदायों के वरिष्ठ नागरिकों को तीर्थयात्रा पर ले जाना है।