जबलपुर। Swine Flu: मानसून के बीच दूषित पानी से शहर व आसपास के कई इलाकों में डायरिया के मरीज सामने आए थे, अब स्वाइन फ्लू ने भी अपनी दस्तक दे दी है। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार मेडिकल अस्पताल की बायोलाॅजी लैब में टेस्ट के लिए भेजे गए 24 नमूनों में से 11 पाॅजिटिव पाए गए है, वहीं अभी 9 नमूनों का टेस्ट होना शेष है।
इस बीच मंगलवार को स्वाइन फ्लू के प्रकोप को बढ़ता देख मेडिकल काॅलेज में एक आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है। साथ ही शहर के निजी अस्पताल भी इस तरह की सुविधा मरीज व उनके स्वजन को दे रहे हैं। इस बीच मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजय मिश्रा के अनुसार निजी अस्पतालों की लैब में किए गए टेस्ट को शासकीय स्तर पर मान्य नहीं किया जाता है।
बताया कि एच1एन1 वायरस के जरिए होने वाले स्वाइन फ्लू में भी कोरोना के जैसे ही सावधानी बरतने की आवश्यकता है। सर्दी-खांसी के साथ इस बीमारी का मुख्य लक्षण यह होता है कि गले में तकलीफ के साथ सांस लेना काफी मुश्किल हो जाता है। इसमें मरीज को आइसोलेशन में रखने की जरूरत पड़ती है।
ऐसा माना जाता है कि स्वाइन फ्लू के लक्षण संक्रमण के संपर्क में आने के चार दिन के भीतर दिखाई देने लगते हैं। इस बीमारी में आम बुखार की तरह ही लक्षण होते हैं, लेकिन यह वयस्कों की तुलना में बच्चों में अधिक पाया गया है। स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखाई पड़ने पर तुरंत ही डाॅक्टर से संपर्क करना चाहिए।