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कितना धुलेंगे कोयला, शराब घोटाले वाले!

अभी अभी खबर मिली है कि कोयला और शराब घोटाले के तीन कर्ता धर्ता समीर विश्नोई,रानू साहू और तत्कालीन सुपर सीएम सौम्या चौरसिया के 19 ठिकानों में छत्तीसगढ़ राज्य की जांच एजेंसी एसीबी ने धावा बोल दिया है। ये जांच अनुपातहीन संपत्ति अर्जित करने के नाम पर शुरू हुई है। आयकर विभाग, ईडी के बाद एसीबी तीसरी जांच एजेंसी है जिसके जांच के दायरे में दो आई ए एस समीर विश्नोई और रानू साहू सहित राज्य सेवा की सौम्या चौरसिया के खिलाफ जांच कर रही है। अपराध का ढंग ही ऐसा है कि आगे चलकर राज्य की पुलिस को भी इनके खिलाफ जांच करना पड़ सकता है।

भूपेश बघेल के मुख्य मंत्रित्व काल में मुख्य मंत्री कार्यालय में रही अदनी सी उपसचिव रही सौम्या चौरसिया लूटमार संघ की सह कर्ता धर्ता बनी हुई थी। साथ में अनिल टुटेजा भी थे। दोनों मिलकर कोयला, शराब, डी एम एफ, कस्टम मिलिंग, राशन बचत घोटाला के सूत्रधार बने हुए थे। समीर विश्नोई ,तो मानो बिछ गए थे।ऑन लाइन की जगह ऑफ लाइन सिस्टम बना कर करोड़ो खुद भी कमा रहे थे, ऊपर भी सौम्या चौरसिया को भी पहुंचा रहे थे। ईडी के छापे में पकड़ा गए। अगले सितंबर में दो साल हो जाएंगे, जेल के भीतर पक्की कच्ची रोटी खाते हुए।

ए सी बी ने राजस्थान के अनूपगढ़ में समीर विश्नोई के ससुराल में दबिस दी है।ये वही अनूपगढ़ है जहां से समीर विश्नोई की पत्नी की मां पंद्रह लाख रुपए कपड़े के झोला में लेकर, भगत की कोठी ट्रेन से रायपुर आई थी। बिना रिजर्वेशन और बिना मोबाइल रखे। एक आई ए एस अधिकारी की सास इतनी बुद्धू! समीर विश्नोई के यहां 45 लाख रुपए सहित हीरा, सोना सहित जमीन खरीदी के कच्चे चिट्ठे मिले थे। ऐसा ही हाल कोरबा की तत्कालीन कलेक्टर रानू साहू का भी हुआ। कोयला, डीएमएफ घोटाले से अर्जित अनुपातहीन संपत्ति से गरियाबंद,महासमुंद और रायपुर जिले में अरबों की जमीन खरीदी थी रानू। खुलासा हो गया।

तीसरी मोहतरमा खुद को सुपर सीएम बताने वाली सौम्या चौरसिया थी। सरकार के हर विभाग में दखलंदाजी करने वाली भ्रष्ट महिला ।खनिज, आबकारी, डीएमएफ, मार्कफेड, नान और खाद्य विभाग में पसंदीदा अफसर बैठाकर अरबों रुपए लूटी है। चार विभाग में तो आयकर, ईडी ओर राज्य की एसीबी जांच कर रही है।एक खाद्य विभाग बचा हुआ है जिसमें विधानसभा की जांच समिति जांच कर रही है।सूत्रों की माने तो खाद्य संचालनालय में भी ईडी और एसीबी के घुसने की तारीख का इंतजार है। वैसे भी एसीबी ,एफआईआर दर्ज किए हुए है।कार्यवाही कब हो जाए।

सौम्या चौरसिया और अनिल टुटेजा ने इस विभाग में एक अडिशनल डायरेक्टर को जिम्मा दिया था। सौम्या चौरसिया ने अपनी मां, रांची में आलू प्याज बेचने वाले चचेरे भाई के नाम पर खूब जमीन खरीदी की थी। सरकारी नौकरी में बामुश्किल एक करोड़ कमाने वाली 52करोड़ की जमीन खरीदी की है। एसीबी केवल दस फीसदी ज्यादा राशि को जांच से बाहर रखती है।सौम्या चौरसिया के पास 52 गुना अधिक संपत्ति है।
तीन तीन जांच एजेंसी के जांच का मतलब साफ है कि इतने केस पंजीकृत हो गए है कि आदतन अपराधी की श्रेणी में आ गए है समीर विश्नोई रानू साहू और सौम्या चौरसिया। इनकी जमानत भी नहीं होगी।आगे ए सी बी बताएगी कि 19ठिकानों से क्या मिला।

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