ED Raid In Jharkhand: इस वक्त की बड़ी खबर झारखंड से सामने आई है। झारखंड विधानसभा चुनाव बीच ईडी ने रांची में एक बार फिर दबिश डाली है। प्रवर्तन निदेशालय ने मंगलवार सुबह को झारखंड के वरिष्ठ आईएएस विनय चौबे, उत्पाद विभाग के संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह समेत अन्य करीबी रिश्तेदार और संबंधित अधिकारियों के सीए के ठिकानों पर छापा मारा है। ये कार्रवाई शराब घोटाले मामले में की गई है। ईडी की छापेमारी किन-किन लोकेशन पर हो रही है, यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है।
छत्तीसगढ़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ईओडब्ल्यू ने पहले ही इस मामले में उत्पाद विभाग के तत्कालीन सचिव विनय कुमार चौबे और संयुक्त सचिव गजेंद्र सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। रांची के विकास कुमार ने प्राथमिकी दर्ज कराने को लेकर आवेदन दिया था। जिसके बाद रायपुर में प्राथमिकी दर्ज हुई। आवेदन में बताया गया था कि शराब घोटाले की पूरी साजिश रायपुर में रची गयी आबकारी नीति में फेरबदल कराया।
शराब घोटाला मामले में कर चुकी है छापेमारी
बता दें कि इससे पहले भी ईडी ने शराब घाटोला मामले में झारखंड के 7 जिलों और बंगाल के दो जिलों समेत कुल 33 ठिकानों पर छापा मारा था। उस वक्त छापेमारी के जद में वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के बेटे रोहित उरांव और शराब कारोबारी योगेंद्र तिवारी, शेल कंपनियां चलाने वाले लोग आए थे। बाद में इस मामले में योगेंद्र तिवारी को गिरफ्तार कर लिया गया था। उनके खिलाफ ईडी ने आरोप पत्र भी दायर किया था। इसमें उन्होंने बालू और जमीन कारोबार की कमाई को शराब के व्यापार में लगाने की बात कही थी।
इससे पहले ईडी ने 14 अक्टूबर 2024 को भी IAS मनीष रंजन और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापा मारा था। ईडी ने एक साथ करीब 24 ठिकानों पर दबिश दी थी। मामला 23 करोड़ रुपए की अवैध निकासी से जुड़ा था। दरअसल, जल जीवन मिशन से संबंधित मामले में एक एफआईआर रांची के सदर थाने में दर्ज की गई थी। इस मामले में एक आरोपी की भी गिरफ्तारी पुलिस ने की थी।