एक बात तो है कि मातहत अधिकारियों को बहुत सोच समझ कर अपने बड़े अधिकारियों की मुंह बोली बात पर भरोसा करना चाहिए। आबकारी विभाग के जिला अधिकारी कांग्रेस शासनकाल में निरंजन दास, अरुणपति त्रिपाठी सहित गैर सरकारी गैंगस्टर अनवर ढेबर की बात मान कर बुरी तरीके से फंस गए है। राज्य आपराधिक अपराध अन्वेषण/एंटी करप्शन ब्यूरो ने दो दर्जन अधिकारियों को बकायदा नोटिस काट कर झारो झार न्योता दे दिया है।
न्योता पाने वाले वही अधिकारी है जिनको अरुण पति त्रिपाठी और निरंजन दास नेतागिरी करते हुए ईडी के खिलाफ शिकायत करवाने भूपेश बघेल के पास ले गए थे। बोल बच्चन सुन कर आए थे।क्या होगा ज्यादा से ज्यादा जेल जाओगे। वहां सारी सुविधा है। पर्यटन कर आना , मलाईदार जगह में पोस्टिंग हो जाएगी। मलाईदार पोस्टिंग तो दूर अब जैल जाने की नौबत आ गई है। नकली होलोग्राम वाली दारू बिकवा कर आबकारी अधिकारियों ने शासन को चूना लगवाने में मददगार बने है।
करोड़ो रुपए कमाए और कमवाये है।अब अमरीश मिश्र के बुलावे का मतलब है कि या तो पेंट गीली होगी या जबान लड़खाएगी। सरकारी अधिकारी अनवर ढेबर, निरंजन दास, अरुण पति त्रिपाठी के समान पेशेवर अपराधी नहीं है ।एंटी करप्शन वालो ने जोर से पूछा या एकात झापड़ लगाया तो सच उगलने में देर नहीं लगेगी। आबकारी अधिकारियो को भरोसा दिलाया गया था कि सरकार रिपीट होगी।अगले पांच साल में लीपा पोती हो जाएगी।न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी लेकिन एंटी करप्शन ने ऐसी लाठी निकाली हैं कि सांप भी मरेगा और लाठी भी टूटने से रही।टूटेंगे तो आबकारी अधिकारी, उनको बताया जाएगा कि कोयला में कमीशन बाजी करने वाले दो अधिकारी सालो से जेल में है।
सारा नशा काफ़ूर होने की स्थिति है। आबकारी अधिकारी अग्रिम जमानत के लिए झारों झार वकील खोज रहे है,सलाह ले रहे है, लक्ष्मी नारायण देकर मामला सुलटाने के लिए आदमी की खोज जारी है।सवाल उठता है कि अगर एंटी करप्शन वालो ने गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया तो मुसीबत बड़ी हो जाएगी। सरकारी नौकरी में निलंबन, विभागीय जांच, अलग। एसी की हवा खाने वाले, मुर्गा मछली खाने वाले ओर महंगी शराब पीने वालों को जेल में ठंड गुजारना होगा।भूपेश बघेल की सरकार ने आबकारी विभाग के अधिकारियों के साथ ठीक नहीं किया।
खाए पीए थोड़ा सा गिलास तुड़वा दिए लाखों का। अगर आबकारी अधिकारियों ने सच उगल दिया तो निरंजन दास, अरुण पति त्रिपाठी और अनवर ढेबर के लिए नई मुसीबत खड़ी होगी याने कई नई एफ आई आर। एंटी करप्शन विभाग बहुत जल्दी राशन चांवल बचत घोटाले की भी फाइल खोलने जा रही है।इस विभाग में भी एक अधिकारी के कहने पर बाजार से चांवल खरीद कर राशन दुकानों में रखवाने का खेल खेला है।