Shahi Idgah Case: मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि केस में आज हिंदू पक्ष को झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति के आदेश पर रोक लगाई है. कोर्ट ने मस्जिद कमेटी की याचिका पर नोटिस जारी किया है. अगली सुनवाई 23 जनवरी को होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट सुनवाई कर सकता है पर कमिश्नर की नियुक्ति को लेकर हाईकोर्ट के जज आगे नहीं बढ़ेंगे.
इससे पहले भी याचिका हुई थी खारिज
बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने बीते 5 जनवरी को मथुरा के विवादित शाही ईदगाह के मामले में एक याचिका को खारिज कर दिया था. जिसमें विवादित शाही ईदगाह को हिंदुओं को सौंपने की मांग की गई थी. इस पर सुनवाई करने से सुप्रीम कोर्ट ने मना कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि उसके पास इस केस से जुड़े कई मामले पहले से ही हैं.
क्या है हिंदू पक्ष का दावा?
गौरतलब है हिंदू पक्ष दावा करता है कि जन्मभूमि का मंदिर तोड़कर मथुरा की शाही ईदगाह मस्जिद बनाई गई थी. भगवान श्रीकृष्ण का जन्मस्थान शाही ईदगाह के नीचे है. ये भी दावा किया गया है कि शाही ईदगाह में हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं दबी हुई हैं. सर्वे होगा तो सारी सच्चाई सामने आ जाएगी. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सर्वे को मंजूरी दी थी. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति पर रोक लगा दी है.
ज्ञानवापी पर भी आज SC में सुनवाई
बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट में काशी के ज्ञानवापी परिसर को लेकर भी अहम सुनवाई होने वाली है. ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष ने नई याचिका लगाई है, जिसमें वुजूखाने की सफाई की मांग की गई है. दरसअल टैंक में मछलियों की मौत से गंदगी फैल गई है. वुजूखाने में शिवलिंग जैसी रचना मिलने के बाद से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर वह जगह सील है.
वुजूखाने की सफाई क्यों जरूरी?
वहीं, ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष की याचिका में कहा गया था कि वुजूखाने की मछलियों की मौत हो गई है. इसकी वजह से वहां बदबू आना शुरू हो गई है. याचिका में ये भी कहा गया कि वुजुखाने में हिंदुओं के लिए बहुत पवित्र माना जाने वाला शिवलिंग मौजूद है. इसीलिए उसे किसी भी तरह की गंदगी, धूल और मरे हुए जानवरों से दूर होना चाहिए. उस जगह की सफाई होनी चाहिए. हालांकि, अभी वह मरी हुई मछलियों से घिरा गया है. इसकी वजह से वुजूखाने की सफाई करनी चाहिए.