नई दिल्ली। फसलों पर एमएसपी दिए जाने सहित किसान-किसानी से जुड़े मुद्दों पर एक तरफ पंजाब के किसान आंदोलित हैं, तो दूसरी ओर पश्चिम बंगाल में संदेशखाली में टीएमसी नेता की दबंगई का मुद्दा गरम है. ऐसे में संदेशखाली जा रहे भाजपा के दल से एक कार्यकर्ता के सिख आईपीएस अधिकारी को ‘खालिस्तानी” कहने पर बवाल मच गया है.
दरअसल, मंगलवार को भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के साथ बीजेपी के कई नेता संदेशखाली जा रहे थे. इसी दौरान वाद-विवाद के बीच बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने आईपीएस जसप्रीत सिंह को ‘खालिस्तानी’ कह दिया. इस पर अधिकारी खासे नाराज नजर आए.
घटनाक्रम पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने सोशल मीडिया पर आपत्ति जताई. बंगाल पुलिस ने X पर किए पोस्ट में कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस बिरादरी इस वीडियो को शेयर करते हुए गुस्से में है. इस वीडियो में हमारे एक अफसर को राज्य में विपक्ष के नेता ‘खालिस्तानी’ कह रहे हैं. उनकी गलती क्या है. यही कि वो एक स्वाभिमानी सिख और काबिल पुलिस अफसर हैं, जो कानून का पालन कराने की कोशिश कर रहे हैं.
इसके साथ पोस्ट में लिखा है कि ये टिप्पणी शरारतपूर्ण और नस्लीय के साथ सांप्रदायिक तौर पर भड़काऊ भी है. ये आपराधिक कृत्य है. ये हमें कतई मंजूर नहीं है. ये लोगों को भड़काने वाला काम है. इसके ख़िलाफ़ हम कानूनी कार्रवाई शुरू कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इस वाकये को हाथों-हाथ लेते हुए X पर पोस्ट कर लिखा कि बीजेपी विभाजन की राजनीति कर रही है. वो संवैधानिक सीमाओं को पार कर रही है. तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने इसे लेकर भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से माफी मांगने की मांग की.
यही नहीं पश्चिम बंगाल में इस घटना के विरोध में कई जगहों पर सिखों ने प्रदर्शन किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने थाने में इसकी सूचना दी. आसनसोल थाने के बाहर प्रदर्शन कर पुलिस से स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग की.