राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सुरक्षा में बड़ी चूक की घटना सामने आई है। एक युवक अपने लायसेंसी पिस्टल के साथ मुख्यमंत्री के अस्थायी निवास पहुना के अंदर दाखिल हो गया था, जांच के दौरान पिस्टल मिलने से हड़कंप मच गया, आनन फानन में युवक सुरक्षाकर्मी अपने कब्जे में लेकर पूछताछ कर छोड़ा। सीएम सुरक्षा में चूक के आरोप में 8 सुरक्षाकर्मियों को निलंबित कर 10 सुरक्षाकर्मियों को सीएम सुरक्षा से हटाए जाने की जानकारी मिली है। जिन लोगों को निलंबित किया गया है और जिन्हें सीएम सुरक्षा से हटाया गया है, उनके नाम अब तक अधिकृत तौर पर सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। घटना 25 फरवरी रात नौ बजे की बताई जा रही है।
जिन पुलिस कर्मियों को सस्पेंड किया गया है, वह मेन गेट और सुरक्षा घेरे के पहले और दूसरे सर्कल में तैनात बताए जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक पिस्टल लिए व्यक्ति मुख्यमंत्री निवास कार्यालय के बेहद करीब पहुंच गया था। मुख्यमंत्री कार्यालय के बाहर दोबारा जांच की जाती है, इसी जांच के दौरान व्यक्ति से पिस्टल बरामद किया गया। मुख्यमंत्री निवास में पिस्टल के साथ अंदर दाखिल हुआ व्यक्ति जशपुर का ठेकेदार तथा पार्टी के कार्यकर्ता बताया जा रहा है। पिस्टल लेकर सीएम हाउस में दाखिल होने वाले व्यक्ति के रायगढ़ निवासी होना भी बताया जा रहा है। व्यक्ति के बारे में अब तक किसी तरह की अधिकृत जानकारी नहीं दी गई है।
जाो जानकारी मिली है उसके मुताबिक सीएम हाउस में पिस्टल लेकर जाने वाला युवक सीएम हाउस में पदस्थ एक निजी स्टाफ की वीआईपी गाड़ी में सवार होकर अंदर दाखिल हुआ, इस वजह से मेन गेट में उसकी जांच नहीं की गई। इसके चलते वह व्यक्ति पिस्टल लेकर अंदर दाखिल होने में कामयाब रहा।
सीएम हाउस में सुरक्षा में चूक की घटना सामने आने पर मुख्यमंत्री सुरक्षा में लगे अफसरों ने मॉक ड्रिल बताते हुए घटना को छिपाने की कोशिश की। अफसरों द्वारा बताया गया कि मुख्यमंत्री निवास में किसी व्यक्ति को पिस्टल लेकर दाखिल होने पर कैसे निपटा जाए इसकी मॉक ड्रिल की जा रही थी। ऐसे में मॉक ड्रिल की जानकारी नहीं दिए जाने की बात सामने आने पर अफसरों ने सुरक्षा में चूक की घटना स्वीकार की।
मुख्यमंत्री के सुरक्षा में चूक के सवाल पर राज्य के खुफिया चीफ अमीत कुमार का कहना है कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा की नए सिरे से रिविजन किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने मामले की पड़ताल कर चूक की जिम्मेदारी तय कर संबंधितों के खिलाफ निलंबन सहित अन्य वैधानिक कार्रवाई करने की बात कही।
मुख्यमंत्री से मिलने जाने वालों की सुरक्षा जांच तीन लेयर में की जाती है। पहले लेयर में राज्य पुलिस के जवान आगंतुक की सुरक्षा जांच करते हैं। गेट से अंदर दाखिल होने के बाद मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात जवान आगंतुक की जांच करतें है। इसके बाद अंतिम चरण में मुख्यमंत्री जहां आगंतुकों से मिलते हैं वहां उनकी सुरक्षा जांच की जाती है, इसके बाद किसी व्यक्ति को मुख्यमंत्री से मिलने जाने की अनुमति मिलती है। पिस्टल ले जाने वाले शख्स की पहले और दूसरे लेयर की सुरक्षा जांच नहीं हो पाई थी, तीसरे लेयर में मुलाकात करते जाते वक्त पकड़ा गया।