Breaking News

सरकार बदलने से अधिकारी सुधर नहीं जाते

रायपुर सेंट्रल जेल से बंदी को इलाज के लिए शहर के जिला अस्पताल भेजा जाना कोई नई बात नहीं है। यहां वीआईपी सुविधा प्राप्त बंदी को आमबंदी तर्ज पर रखे जाने के प्रयास जोरो शोरो से जारी है। नई सरकार के गठन के बाद ऐशो आराम के लिए अस्पताल दाखिल होने वाले बंदी को मिल रही है वीआईपी सुविधा पर रोक लगाने के लिए प्रशासन द्वारा कड़े प्रयास किया जा रहे हैं। फिर भी अनावश्यक रूप से मेडिकल कारण दर्शाकर बंदियों से उगाही के बाद उन्हें अस्पताल स्थानांतरण करने का खेल रुक नहीं पाया है।

हाल ही में कई बंदियो को वीआईपी सुविधा मुहैया कराने का मामला सामने आया है इस पर कार्यवाही भी हुई अलग-अलग मामलों में पुलिस, जेल कर्मी भी निलंबित किए गए जेल अस्पताल से बंदियों का इलाज के नाम पर जिला अस्पताल में दाखिल करने का सिलसिला खत्म नहीं हो पाया है सरकारी जिला अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किए गए एक ऐसी ही बंदियों को सुविधा मुहैया कराई जा रही है वीआईपी सुविधा का मामला चर्चा में है इस बंदी को ऐसे आराम वाली जिंदगी को लेकर कई मरीज भी हैरत में है।

बताते हैं कि यहां बंदी जेल काटने के बजाय अस्पताल में आराम फरमाते नजर आते हैं। उसे यहां मोबाइल सुविधा के साथ-साथ अन्य सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है। बगैर हथकड़ी के अस्पताल में आराम फरमाते इस बंदी के तस्वीर देख सकते हैं। उसने अपने हाथों पर हथकड़ी भी नहीं लगवाई है । सूत्र बताते हैं कि डॉक्टर और कुछ चुनिंदा जेल कर्मियों के सहयोग से बंदी को इलाज के नाम पर स्वतंत्रता पूर्ण छोड़ने के मामले में अच्छी खासी वसूली होती है लिहाजा जेलों से जरूरतमंद बंदी मरीजों के बजाय ऐसे बंदियों को ऐसे करने केलिए अस्पताल भेजा जाता है जो रोजाना हजारों रुपए खर्च करने की क्षमता रखते हो हिमांशु गुप्ता नमक बंदी इसी सुविधा के तहत जेल से जिला अस्पताल दाखिल कराया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *