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दे बर के मौसम आ गे हे ढेबर मन बर!

छत्तीसगढ़ में सिर्फ छः महीने में मौसम इतना बदलेगा ये आज से छः महीने पहले भूपेश बघेल के सिपहसलारों ने नहीं सोचा था। बिस्तर पर लात तान कर सभी सोच रहे थे कि अगले पांच साल के राज में सारे गवाह वैसे ही मिटा दिए जायेंगे जैसे कभी राम अवतार जग्गी की हत्या करवाने वालों ने सोचा था। एक सप्ताह पहले ही ढेबर परिवार का एक सदस्य उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश पर आजीवन सजा का हकदार हो गया। बचे चार भाई। एक भाई शराब घोटाले में पत्नी और लड़के के साथ अभियुक्त है। बाकी दो घोटाले के पैसे को हवाला के जरिए दुबई भेजने में व्यस्त है।उच्चतम न्यायालय दिल्ली ने तकनीकी त्रुटि के चलते नई प्रक्रिया को अपनाने की सलाह दी और मौसम बदल गया। गनीमत है कि सरकार बदल गई अन्यथा नैतिक जीत की खबरों से सलाहकार और एक पुलिस अधिकारी समाचार पत्रों के मुख्य पृष्ठ पर सुर्खिया बटोर लेता।

उधर निर्णय जब तक आता तब तक राज्य की जांच एजेंसी एसीबी और ईओडबल्यू ने शराब घोटाले के षड्यंत्रकर्ता को धर दबोचा। रिमांड पर अलग ले गए। दो दिन बीते नही थे कि 23जगहों पर छापेमारी हो गई। राज्य के भूतपूर्व मुख्य सचिव और भूतपूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह के खिलाफ पेपरबाजी कराने वाले उद्योग संचालनालय का अधिकारी जांच के दायरे में आ गया। जेल की हवा खाती सौम्या चौरसिया से घंटो की पूछताछ के बाद राज्य की जांच एजेंसी सड़क पर है। क्या व्हाइट हाउस क्या वेलिंगटन होटल क्या शंकर नगर का कार्यालय,क्या ओसीएम चौक के घर और क्या बैरन बाजार एक जगह नही छोड़ा है जांच एजेंसी ने। एक और जनाब है अरुणपति त्रिपाठी, जमानत पाकर, मुख्यालय छोड़ने की सूचना दिए बगैर फरार हो गए थे उनको गोपाल गंज से ले आया गया है।

सबने सोचा था कि आदिवासी मुख्य मंत्री, अपनी कुर्सी बचा ले काफी है लेकिन विष्णु देव साय ने बता दिया कि उनके कद काठी पर न जाए। छत्तीसगढ़ का शराब घोटाला दिल्ली के शराब घोटाले से कही बहुत बड़ा घोटाला है। दिल्ली के घोटालेबाज मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल सहित उनके सहयोगी आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया सलाखों के पीछे जा चुके है। छत्तीसगढ़ में भी देर सबेर ये होना ही है। शराब घोटाले के तार कहां से कहां जुड़े है ये तो राज्य की जांच एजेंसी पता लगा ही लेगी।

बात आती है ढेबर
परिवार की, अजीत जोगी के मुख्यमंत्री काल में तूती बोलती थी। ढेबर परिवार का ही याहया ढेबर, राम अवतार जग्गी हत्याकांड में एक सूत्रा धार था, जग्गी हत्या कांड के बाद सारे हत्यारों को शंकर नगर के जिस घर में शरण दिया गया था उस घर की हकीकत सभी जानते है। कांग्रेस की सरकार दुबारा आई तो जोगी को आर्थिक गच्चा दे कर जमीन हड़पने वाले फिर से तिजोरी भरने लगे। इस बार भूपेश बघेल का साथ मिला और क्या शराब,क्या रेत,क्या कोयला, क्या जमीन सभी घोटाले में एक ही परिवार का नाम दौड़ने लगा।

होटलों की चैन खुलने लगी, जमीन का कब्जा बढ़ने लगा, वसूली के लिए वेलिंगटन होटल बदनाम हो चुका था। राजनांदगांव में डेढ़ सौ करोड़ की प्लांट खरीदी का परिणाम निकलना ही था। अब दूध का दूध पानी का पानी सामने आने का वक्त है। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार बृज मोहन अग्रवाल के ऊपर कातिलाना हमला करवाने वालों पर राज्य की जांच एजेंसी ने हमला बोला है। आगे आगे देखिए होना क्या है।पिक्चर अभी शुरू हुई है

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