छत्तीसगढ़ कस्टम मिलिंग घोटाला मामले में ED ने शनिवार को मार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनी को रायपुर के स्पेशल ईडी कोर्ट में पेश किया। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सोनी की 5 दिन की रिमांड दी थी। आज भी सुनवाई के दौरान ED मनोज सोनी की रिमांड मांगेगी।
दरअसल, शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, विकास अग्रवाल, नवीन केडिया, आशीष सौरभ केडिया समेत अन्य आरोपियों की 205 करोड़ की संपत्तियां अटैच (कुर्क) की है।
संपत्तियों में होटल, कॉम्प्लेक्स, जमीन, मकान, ज्वेलरी, गाड़ी समेत 18 चल और 161 अचल संपत्तियां शामिल हैं। अटैच करने का मतलब होगा कि आरोपी इन संपत्तियों का उपयोग कर सकेंगे। कारोबारी संपत्ति में बिजनेस चलाता रहेगा, लेकिन वे उसे बेच नहीं सकेंगे।
टुटेजा की 15.82 करोड़ की 14 संपत्ति
ईडी के अनुसार, रिटायर्ड आईएएस अनिल टुटेजा की 15.82 करोड़ की 14 संपत्तियां अटैच की गईं है। इसमें मकान, खाली जमीन और काम्प्लेक्स शामिल हैं।
100 करोड़ से अधिक का कस्टम मिलिंग घोटाला
ED ने आईटी जांच शाखा (विंग), रायपुर द्वारा दायर अभियोजन शिकायत के खुलासे के आधार पर कस्टम मिलिंग मामले में जांच शुरू की। जिसमें यह आरोप लगाया गया था कि छत्तीसगढ़ राज्य चावल मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने छत्तीसगढ़ राज्य विपणन संघ लिमिटेड (मार्कफेड) के अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके करोड़ों रुपये की रिश्वत अर्जित की।
साल 2021-22 तक धान की कस्टम मिलिंग के लिए चावल मिलर्स को छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से धान के प्रति क्विंटल पर 40 रुपए के एक विशेष प्रोत्साहन का भुगतान किया गया। बाद में इसे अत्यधिक रूप से बढ़ाकर 120 रुपए प्रति क्विंटल धान कर दिया गया।
जिसका भुगतान दो किश्तों में 60 रुपए प्रत्येक के लिए किया गया। छत्तीसगढ़ राज्य राइस मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मार्कफेड के एमडी मनोज सोनी के साथ मिलकर चावल मिलर्स से प्रत्येक क्विंटल धान के लिए 20 रुपए प्रति किस्त रिश्वत की रकम वसूलना शुरू किया।