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दीनहीन बन पुलिस को बताया दर्द-ए-दिल, यू ट्यूब हिस्‍ट्री ने खोल दी पोल, उतर गया पीड़ित होने का चोला, भेजे दिए गए जेल

Delhi Police: चुटकी बजाते ही लाखों रुपए की कमाई के चक्‍कर में एक शख्‍स ने अपने लिए बड़ी मुसीबत मोल ले ली. रुपयों के लालच में इस शख्‍स ने अपनी एक साथी के साथ मिलकर एक साजिश रची और फिर पीडि़त होने का नाटक करते हुए ई-एफआईआर दर्ज करा दी. वहीं इस फर्जी ई-एफआईआर की जांच के दौरान पुलिस के हाथ यू-ट्यूब की सर्च हिस्‍ट्री और व्हाट्सएप के डिलीट डाटा लग गया.

जिसके बाद, इस मामले की जांच की दिशा पूरी तरह से बदल गई. दिल्‍ली पुलिस अभी तक जिस शख्‍स को पीडि़त के नजरिए से देख रही थी, अब उसे इस मामले का मुख्‍य साजिशकर्ता माना जाने लगा. देखते ही देखते मामले की गुत्‍थी सुलझती चली गई. पुलिस ने फर्जी एफआईआर दर्ज कराने वाले इस शख्‍स को न केवल गिरफ्तार कर लिया है, बल्कि इसके कब्‍जे से नौ लाख रुपए भी बरामद कर लिए हैं.

जानें, क्‍या है पूरा मामला?
क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजय कुमार सैन के अनुसार, दिल्‍ली के अलीपुर इलाके में रहने वाले मुकेश ने ई-एफआईआर दर्ज कर अपना ट्रक चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी. शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया था कि 19 अप्रैल को शाम 6:30 बजे अलीपुर के हामिदपुर गांव स्थिति एक पार्किंग में उसके ट्रक को पार्क किया गया था. इस दौरान, उसके ट्रक में करीब 50 लाख रुपए कीमत का कॉपर स्‍क्रैप से लोड था.

डीसीपी संजय कुमार ने बताया किया 50 लाख रुपए कीमत के कॉपर स्‍क्रैप के साथ ट्रक चोरी होने के मामले को दिल्‍ली पुलिस ने बेहद गंभीरता से लिया और इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया. जिसके बाद, एसीपी रोहिताश कुमार के नेतृत्‍व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई देवेंदर, एएसआई परवीन, महेंद्र, हेडकॉस्‍टेबल सूर्य प्रकाश, बीप्ति, कॉन्‍स्‍टेबल अनिल, दीपक और राहुल भी शामिल थे.

यू-ट्यूब सर्च हिस्‍ट्री ने जांच को दी नई दिशा
डीसीपी संजय कुमार के अनुसार, मामले की जांच के दौरान पुलिस टीम के हाथ मुकेश की यूट्यूब सर्च हिस्‍ट्री लग गई. जिसमें फर्जी एफआईआर दर्ज कराने का तरीका खोजा गया था. सर्च हिस्‍ट्री सामने आने के बाद क्राइम ब्रांच को मुकेश के इरादों पर शक हुआ और मामले की जांच की दिशा उसकी तरफ मोड दी गई. जिसके बाद, एक-एक कर सामने आए सबूतों ने मामले को पूरी तरह से खोल का सामने रख दिया.

उन्‍होंने बताया कि शक के आधार पर पुलिस ने मुकेश की व्हाट्सएप चैट, कॉल डिटेल और बैंक खातों को खंगालना शुरू किया. जांच में पता चला कि मुकेश ने 18 अप्रैल को बबलू नामक एक शख्‍स से बात की थी, बात करने के बाद इस कॉल डिटेल को डिलीट कर दिया गया था. जांच के दौरान, आरोपी मुकेश के बैंक खातों में भी खासी अनियमितता पाई. जिसके बाद, उसे हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी गई.

बबलू के साथ मिलकर रची थी यह बड़ी साजिश
डीसीपी संजय कुमार ने बताया कि सभी सबूत सामने आने के बाद आरोपी मुकेश ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. उसने खुलासा किया कि बबलू के साथ मिलकर कॉपर स्‍क्रैन से भरे ट्रक के चोरी साजिश रची गई थी. साजिश के तहत, बबलू ने ट्रक चोरी करने और स्‍क्रैन के बदले कुल 12 लाख रुपए देने का वादा किया था. ट्रक चोरी होने के बाद बबलू ने वादे के अनुसार 9.50 लाख रुपए मुकेश के खाते में ट्रांसफर कर दिए थे.

उन्‍होंने बताया कि नौ लाख रुपयों में 50 हजार रुपए मुकेश ने खर्च कर दिए. बाकी बचे नौ लाख रुपए क्राइम ब्रांच की टीम ने बरामद कर लिए है. वहीं, पूछताछ में यह भी पता चला है कि आरोपी बबलू मूल रूप से दिल्‍ली के बदरपुर इलाके का रहने वाला है. बबलू की तलाश में क्राइम ब्रांच की छापेमारी जारी है.

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