बेंगलुरु। बेंगलुरु की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता बी एस येदियुरप्पा के खिलाफ पॉक्सो मामले में गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। येदियुरप्पा के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के मामले की जांच कर रहे अपराध अन्वेषण विभाग (सीआईडी) ने पहले उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया था। उन्होंने (येदियुरप्पा) सीआईडी के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए समय मांगा था।
येदियुरप्पा के करीबी सूत्रों ने बताया कि भाजपा के वरिष्ठ नेता फिलहाल दिल्ली में हैं और उनके लौटने के बाद जांच में शामिल होने की संभावना है। पुलिस के अनुसार, येदियुरप्पा पर एक 17 वर्षीय किशोरी की मां की शिकायत के आधार पर पॉक्सो अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354 ए (यौन उत्पीड़न) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
किशोरी की मां ने पूर्व सीएम पर लगाया आरोप
किशोरी की मां ने येदियुरप्पा पर आरोप लगाया है कि उन्होंने इस साल दो फरवरी को डॉलर्स कॉलोनी स्थित अपने आवास पर एक बैठक के दौरान उसकी बेटी का यौन उत्पीड़न किया। सदाशिवनगर पुलिस द्वारा 14 मार्च को मामला दर्ज किये जाने के कुछ ही घंटों बाद कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक आलोक मोहन ने एक आदेश जारी कर मामले को तत्काल प्रभाव से जांच के लिए सीआईडी को स्थानांतरित कर दिया था।
येदियुरप्पा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को किया खारिज
येदियुरप्पा के खिलाफ आरोप लगाने वाली 54 वर्षीय महिला का पिछले महीने एक निजी अस्पताल में फेफड़ों के कैंसर के कारण निधन हो गया था। येदियुरप्पा (81) ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि वह कानूनी रूप से इस मामले को लड़ेंगे। अप्रैल में सीआईडी ने येदियुरप्पा को कार्यालय में बुलाकर उनकी आवाज का नमूना एकत्र किया था।
इस बीच, सरकार ने मामले में सीआईडी का प्रतिनिधित्व करने के लिए विशेष लोक अभियोजक (एसपीपी) अशोक एच. नायक को नियुक्त किया है। येदियुरप्पा ने प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है और अदालत का दरवाजा खटखटाया है।