प्रदेश भर के पी डी एस का जिम्मा सम्हालने वाले अधिकारियो पर खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल आज मीटिंग में जमकर बरसे। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि पी ड़ी एस में घोटाले बाज अफसर नपेंगे। प्रदेश भर के खाद्य विभाग, नान और मार्कफेड के अधिकारियो की मैराथन बैठक में विधान सभा समिति की होने वाली जांच के मद्देनजर खाद्य मंत्री ने कहा कि कांग्रेस काल में घोटाले की उच्च स्तरीय जांच होना है इसमें जो भी दोषी होगा उस अधिकारी के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। विधान सभा की जांच समिति के गठित होने के बाद पहली बैठक है जिसमे खाद्य अधिकारियो को राशन दुकानों के घोषणा पत्र में दिखाए गए खाद्यान्न की जांच 30जून तक करके देना है।
प्रदेश के तेरह हजार राशन दुकानों में से पांच हजार राशन दुकान ऐसे है इनमे 600 करोड़ का राशन गायब है। इस घोटाले के लिए संचालनालय खाद्य का एक अपर संचालक जिम्मेदार है। अपने आप को बचाने के लिए राशन दुकानों में बाजार से राशन सामग्री खरीद कर रखवाने के लिए अधिकारियो को जूम कांफ्रेंसिंग के जरिए आदेश दिए गए है। दुर्ग, कांकेर, बालोद जिले में अनेक राशन दुकानदारों ने शपथ पत्र बना कर रखा है जिसमे उनके द्वारा जानकारी दी गई है कि उन्होंने बकायदा खाद्य विभाग के माध्यम से अपना कोटा कटवाने का आवेदन किया था। डेढ़ हजार से अधिक राशन दुकानों का आवेदन संचालनालय में धूल खाते पड़ी रही लेकिन कार्यवाही किए जाने के बजाय अपर संचालक ने कोटा जारी करवाया।
प्रदेश के हजारों राशनदारों का कहना है कि नागरिक आपूर्ति निगम और ट्रांसपोर्टर के द्वारा फर्जी भंडारण किया गया है। इसकी पुष्टि नागरिक आपूर्ति निगम में जमा पावती के जांच में सामने आएगी। प्रदेश राशन दुकान संचालक संघ के अध्यक्ष ने विधानसभा जांच समिति के सभापति से मिलकर जांच में राशन दुकान संचालक संघ के अध्यक्ष को भी बुलाने की मांग की है। अध्यक्ष का कहना है कि जब तक वितरण की एंट्री नहीं कर दी जाती थी तब तक कोटा जारी नही होता था। ऐसे में फरवरी 2022के घोषणा पत्र को रिस्टोर किया जाकर निष्पक्ष जांच किया जाना चाहिए।