भारतीय नौसेना की जानकारी के अनुसार, बहु-भूमिका वाले युद्धपोत जहाज ब्रह्मपुत्र पर 21 जुलाई की शाम को उस वक्त आग लग गई थी, जब उसकी मरम्मत की जा रही थी। नौसेना डॉकयार्ड, मुंबई और बंदरगाह में मौजूद अन्य जहाजों के अग्निशमन कर्मियों की सहायता से जहाज के चालक दल ने 22 जुलाई की सुबह तक आग पर काबू पा लिया था। इसके अलावा, आग लगने के बाद जोखिम के आकलन के लिए सैनिटाइजेशन जांच समेत कार्रवाई की गई।
हादसे में एक नाविक लापता, तलाश जारी
जानकारी के मुताबिक युद्धपोत आईएनएस ब्रह्मपुत्र पर लगी आग की घटना में, युद्धपोत एक तरफ झुक गया है और तमाम कोशिशों के बावजूद, जहाज को सीधा नहीं किया जा सका है। फिलहाल जहाज एक तरफ टिका हुआ है। वहीं इस हादसे में एक जूनियर नाविक को छोड़कर सभी कर्मियों को बचा लिया गया है। वहीं जूनियर नाविक की तलाश की जा रही है। जबकि इस दुर्घटना की जांच के लिए भारतीय नौसेना ने जांच का आदेश दिया है।
हादसे में एक नाविक लापता, तलाश जारी
जानकारी के मुताबिक युद्धपोत आईएनएस ब्रह्मपुत्र पर लगी आग की घटना में, युद्धपोत एक तरफ झुक गया है और तमाम कोशिशों के बावजूद, जहाज को सीधा नहीं किया जा सका है। फिलहाल जहाज एक तरफ टिका हुआ है। वहीं इस हादसे में एक जूनियर नाविक को छोड़कर सभी कर्मियों को बचा लिया गया है। वहीं जूनियर नाविक की तलाश की जा रही है। जबकि इस दुर्घटना की जांच के लिए भारतीय नौसेना ने जांच का आदेश दिया है।
‘ब्रह्मपुत्र’ श्रेणी का स्वदेशी मिसाइल युद्धपोत है INS ब्रह्मपुत्र
बता दें कि आईएनएस ब्रह्मपुत्र स्वदेशी रूप से निर्मित ‘ब्रह्मपुत्र’ श्रेणी का पहला निर्देशित मिसाइल युद्धपोत है। इसे अप्रैल 2000 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। इस जहाज में 40 अधिकारियों और 330 नाविकों का दल है। INS ब्रह्मपुत्र का वजन तकरीबन 5,300 टन है, इसकी लंबाई 125 मीटर है, चौड़ाई 14.4 मीटर है और यह 27 नॉट से अधिक की गति से चलने में सक्षम है।
INS ब्रह्मपुत्र की खासियत और मारक क्षमता
INS ब्रह्मपुत्र मध्यम दूरी, नजदीकी दूरी और विमान भेदी तोपों, सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों और टारपीडो लांचर से सुसज्जित है। जहाज में समुद्री युद्ध के सभी पहलुओं को कवर करने वाले सेंसर की एक विस्तृत श्रृंखला है और यह सीकिंग और चेतक हेलीकॉप्टरों को संचालित करने में सक्षम है।