खाद्य विभाग में रायपुर से एक अधिकारी को हटाए जाने के मंत्री, सचिव और संचालक के निर्णय के विरुद्ध विधान सभा में ध्यानाकर्षण लगाए जाने के मुद्दे को लेकर खाद्य मंत्रालय और संचालनालय में तीखी नाराजगी है। इस संबंध में जिस अधिकारी के द्वारा ध्यानाकर्षण लगवाया गया है उसे चिन्हांकित कर लिया गया है ।इस संबंध में शीघ्र कार्यवाही होने के संकेत मिले है। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद तेज तर्रार दयाल दास बघेल को खाद्य मंत्री पद दिया गया। विभाग में सुधार लाने के दृष्टि से खाद्य मंत्री ने सचिव, संचालक के साथ मिलकर खाद्य विभाग सहित नान, मार्कफेड के अधिकारियो की बैठक रखी थी।
इस बैठक में सचिव और संचालक ने राजधानी में कार्यरत खाद्य अधिकारी की शैली पर नाराजगी जाहिर करते हुए खाद्य मंत्री को वस्तु स्थिति से अवगत कराया था। बैठक में ही खाद्य मंत्री ने रायपुर के अधिकारी को हटाने के निर्देश दिए थे। संचालक द्वारा आदेश जारी करते हुए रायपुर के वरिष्ठ अधिकारी को जिम्मेदारी सौप दी थी। लोकसभा चुनाव के पहले राज्य शासन ने मुख्य मंत्री से अनुमोदन लेकर रायपुर से एक अधिकारी को बस्तर अंचल में पदस्थ कर दिया गया ।इस अधिकारी को रायपुर से भारमुक्त कर दिया गया है लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी इस अधिकारी द्वारा अपने नए जिले में पदभार ग्रहण नहीं किया है।
बताया जाता है कि नान के एक अधिकारी के साथ मिलकर राशन दुकानों में दो से तीन क्विंटल चांवल कम भेजे जाने की शिकायत को खाद्य मंत्री, सचिव संचालक ने गंभीरता से लिया था। खाद्य संचालनालय के एक अधिकारी ने बताया कि ये अधिकारी रायपुर के राशन माफिया के साथ मिलकर खाद्य मंत्री,सचिव और संचालक के आदेश के खिलाफ विधान सभा में मुद्दे उठवा रहा है। इस संबंध में सभी को लिखित शिकायत मिल गई है। खाद्य मंत्री सचिव संचालक से इस बारे में संपर्क किया जा कर वस्तु स्थिति की जानकारी ली जा रही है।
सामान्य प्रशासन विभाग ने हाल ही में एक परिपत्र जारी किया है जिसमे स्थांनातरण होने के पांच दिन के भीतर भारमुक्त करने और शासन द्वारा निर्धारित अवधि में ज्वाइन नही करने पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी। विभाग के कुछ अधिकारियो को सचिव ने एक तरफा भारमुक्त करते हुए नए जिले में ज्वाइनिंग नहीं देने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने के निर्देश दिए है