Lateral Entry Row: मोदी सरकार ने देश की में हाई ब्यूरोक्रेट्स के 45 पदों के लिए लेटरल एंट्री के माध्यम से भर्ती के विज्ञापन को रद्द कर दिया है। इस भर्ती पर विपक्ष ने सवाल उठाए थे और इसे आरक्षण को समाप्त करने का प्रयास बताया था। इसी विवाद के बाद मोदी सरकार ने यह निर्णय लिया है।
लेटरल एंट्री के माध्यम से भर्ती को लेकर कई राजनीतिक दलों और संगठनों ने नाराजगी जताई थी। उनका कहना था कि यह कदम अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षण को कमजोर करने की साजिश है। विपक्ष ने इस मामले को जोरशोर से उठाया, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ा।
मोदी सरकार ने पहले लेटरल एंट्री के माध्यम से विशेषज्ञों को नौकरशाही में शामिल करने की योजना बनाई थी। इसके तहत 45 पदों पर भर्ती की जानी थी, लेकिन विवाद बढ़ने के बाद इस योजना को रद्द कर दिया गया है। लेटरल एंट्री भर्ती पर विवाद के बाद यह फैसला लिया गया।
विपक्ष ने मोदी सरकार पर लगाए थे आरोप
विपक्ष का आरोप था कि लेटरल एंट्री के जरिए केवल आरएसएस और बीजेपी के करीबी लोगों को नौकरशाही में लाने की कोशिश हो रही है। इसके अलावा, यह कदम आरक्षित वर्गों के लिए अवसरों को कम करने के लिए उठाया जा रहा था।