हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा, मेसर्स ईमार इंडिया लिमिटेड और एमजीएफ डेवलपमेंट लिमिटेड समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एक केस में 834 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है।
जानकारी के मुताबिक, ये संपत्ति गुरुग्राम और दिल्ली के 20 गांवों में है। आरोप है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा और इन कंपनियों ने नगर एवं ग्राम नियोजन विभाग के तत्कालीन डायरेक्टर त्रिलोक चंद गुप्ता के साथ मिलकर सस्ते दामों पर जमीन हथिया ली थी। इसकी वजह से न केवल लोगों को बल्कि, सरकार को भी नुकसान हुआ था। ईडी ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा से इस साल जनवरी 204 में मानेसर लैंड डील केस में चंडीगढ़ में 7 घंटे पूछताछ की थी। ईडी ने 2004-07 के दौरान हुए गुरुग्राम के 1500 करोड़ के भूमि घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में हुड्डा को नोटिस भेजकर ईडी मुख्यालय बुलाया था।
बताया जा रहा है कि करीब छह साल पहले गुड़गांव में 1,417 एकड़ भूमि के अधिग्रहण में भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ केस दर्ज किया था। केस दर्ज करने के बाद सीबीआई ने हुड्डा के रोहतक स्थित घर के अलावा दिल्ली, गुड़गांव, चंडीगढ़ और मोहाली में विभिन्न बिल्डर्स के 20 से ज्यादा परिसरों पर छापे मारे थे।
गुड़गांव के सेक्टर 58 से 63 और 65 से 67 में भूमि अधिग्रहण में अनियमितता की जांच सुप्रीम कोर्ट ने 1 नवंबर, 2017 को सीबीआई को सौंपी थी। केस में भूपेंद्र सिंह हुड्डाभूपेंद्र सिंह हुड्डा , त्रिलोक चंद गुप्ता, मेसर्स ईमार एमजीएफ लैंड लिमिटेड और 14 अन्य कॉलोनाइजर कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई हुई थी।