SEBI Chief Row: भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की मुश्किलें आने वाले कुछ दिनों में और बढ़ सकती हैं। संसद की लोक लेखा समिति (PAC) उनके खिलाफ लगे तमाम आरोपों की जांच करने की योजना बना रही है और इस महीने के आखिर तक उन्हें समन भी जारी किया जा सकता है। यह मामला PAC की 29 अगस्त को हुई पहली बैठक के दौरान सामने आया, जहां एजेंडा में “संसद के अधिनियम के तहत स्थापित नियामक निकायों की प्रदर्शन समीक्षा” का मुद्दा शामिल था।
हालांकि, लोक लेखा समिति के एजेंडा में SEBI या उसकी अध्यक्ष का नाम स्पष्ट रूप से नहीं था, लेकिन अंदरूनी सूत्रों की मानें तो यह रिव्यू माधबी बुच के खिलाफ लगे आरोपों की वजह से हो रहा है। कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल पीएसी के अध्यक्ष हैं। यह समिति केंद्र सरकार के राजस्व और खर्चे की लेखा परीक्षा के लिए जिम्मेदार है। NDA और विपक्षी INDIA गठबंधन दोनों के सांसद पीएसी में शामिल हैं।
सेबी प्रमुख बुच के खिलाफ क्या हैं मुख्य आरोप?
1) हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोप: अमेरिकी शॉर्ट-सेलर ने सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच पर अडाणी समूह के खिलाफ चल रही SEBI जांच में हितों के टकराव का आरोप लगाया है।
2) कांग्रेस के आरोप: मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने माधबी बुच पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ICICI बैंक छोड़ने के बाद भी उससे रिटायरमेंट बेनिफिट के तौर पर अनुचित भुगतान प्राप्त किया, जबकि वे SEBI में शामिल हो गई थीं, जिसे ‘ऑफिस ऑफ प्रॉफिट’ नियमों का उल्लंघन बताया गया है।
3) SEBI के अंदरूनी विवाद: अगस्त महीने की शुरुआ में सेबी के कुछ अधिकारियों ने एक पत्र लिखकर वित्त मंत्रालय से माधबी बुच की शिकायत की है। लेटर में आरोप है कि सेबी ऑफिस में कामकाजी माहौल टॉक्सिक यानी जहरीला हो गया है और शीर्ष अधिकारी रिव्यू मीटिंग्स में अधिनस्थ कर्मचारियों को अपमानित करते हैं। इतना ही नहीं उनके लिए कठोर भाषा का इस्तेमाल भी किया जाता है।
4) सुभाष चंद्रा के आरोप: ज़ी समूह के संस्थापक सुभाष चंद्रा ने बुच पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। बता दें कि SEBI चंद्रा के खिलाफ जांच कर रही है।
माधबी, सेबी और ICICI बैंक ने बचाव में क्या कहा?
- माधबी पुरी बुच और ICICI बैंक ने अपने बचाव में कुछ भी गलत काम करने से इनकार किया है। SEBI ने भी कहा है कि उसने कर्मचारियों की चिंताओं का समाधान किया है और कुछ “बाहरी तत्व” इन शिकायतों के पीछे हो सकते हैं।
- उल्लेखनीय है कि PAC की 10 सितंबर की बैठक में मुख्य रूप से जल जीवन मिशन की लेखा परीक्षा की समीक्षा पर फोकस रहेगा, लेकिन सेबी और बुच के मुद्दे पर बाद की बैठकों में चर्चा की संभावना है।