आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में पशु चर्बी मिलने के बाद राज्य की राजनीति गरमाई हुई है। इस बीच उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने बुधवार को अपनी बेटियों के साथ तिरुपति मंदिर का दौरा किया। उन्होंने इस दौरे के दौरान अपने साथ वाराही घोषणापत्र लेकर गए, जिसे वह गुरुवार को एक बैठक में घोषित करेंगे। जनसेना ने एक विज्ञप्ति में इसकी जानकारी दी। बता दें कि पवन कल्याण ने पिछली सरकार द्वारा किए गए पापों के प्रायश्चित करने के लिए 11 दिनों का उपवास रखने का फैसला किया था। उन्होंने इस तपस्या के बीच मंदिर का दौरा किया। उनकी छोटी बेटी ने बताया कि वह भगवान वेंकटेशिवर में आस्था रखती हैं।
जनसेना ने कहा, “उपमुख्यमंत्री और जनसेना के अध्यक्ष पवन कल्याण ने आज तिरुमाला श्रीवारी दर्शनम किया। वे अपने साथ विराही घोषणापत्र लेकर गए, जिसे वे गुरुवार को बैठक में पढ़ेंगे।” मंदिर जाने से पहले पवन कल्याण की छोटी बेटी पलिना अंजनी कोनिडेला ने बताया कि वह भगवान वेंकटेश्वर में आस्था रखती है। जनसेना ने विज्ञप्ति में आगे कहा, “पलिना अंजनी कोनिडेला ने तिरुमाला में श्रीवारी (देवता) के दर्शन की आस्था जाहिर की। उन्होंने टीटीडी स्टाफ द्वारा उपलब्ध कराए गए दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए।” हालांकि, पलिना अंजनी नाबालिग है, इसलिए उनके पिता पवन कल्याण ने भी दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किया।
डिप्टी सीएम की छोटी बेटी कथित तौर पर एक गैर हिंदू हैं। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के नियमों के तहत इस बात की अनिवार्यता है कि गैर-हिंदूओं को मंदिर में दर्शन करने से पहले भगवान के प्रति अपनी आस्था जाहिर करनी होती है। इसके लिए उन्हें एक घोषणा पत्र देना होता है। बता दें कि यह घोषणा महत्वपूर्ण है, क्योंकि भाजपा नेताओं और कई हिंदूओं ने मांग की थी कि वाईएसआीसीपी प्रमुख और पूर्व सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी को मंदिर की अपनी यात्रा रद्द करने से पहले इसी तरह की घोषणा जारी करनी होगी।