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600 करोड़ रु के राशन घोटाले का घोषणा पत्र गायब कराने वाले मास्टर माइंड के खिलाफ बड़ी कार्यवाही की तैयारी!

छत्तीसगढ़ के मुख्य मंत्री रहते हुए डा रमन सिंह ने चाऊंर वाले बाबा का नाम कमाया था। शानदार राशन वितरण प्रणाली थी, पारदर्शी। ऑस्ट्रेलिया ने बैठा व्यक्ति जान सकता था कि छत्तीसगढ़ के किसी भी राशन दुकान में कितना चांवल गया,वितरण हुआ और कितना बचा भूपेश बघेल की सरकार आई। मुख्य मंत्री कार्यालय में 2015 के नान घोटाले के आरोपी अनिल टुटेजा सहित सुपर सीएम सौम्या चौरसिया ने किसी भी विभाग में घोटाले से दूर नहीं रहने दिया।खाद्य विभाग में अनिल टुटेजा के भाई के कोचिंग में सहयोगी अधिकारी को घोटाले का जिम्मा दिया गया। कोरोना काल के प्रधान मंत्री खाद्यान्न सहायता योजना में जम कर हेरा फेरी तो की ही गई।

जिसे पूर्व मंत्री राजेश मूणत, अजय चंद्राकर विधान सभा में उठाते ही रहे लेकिन कांग्रेस के मंत्री अमरजीत भगत के जरिए विधान सभा में झूठ पर झूठ परोसा जाते रहा। वर्तमान विधान सभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने मुद्दा उठाया तो कांग्रेस सरकार घिर गई। सदन में आश्वाशन देने के बावजूद 600करोड़ के राशन बचत घोटाले पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। डा रमन सिंह ने आरोप लगाया था कि खाद्य विभाग में पारदर्शिता के लिए जनभागीदारी पोर्टल बनाया गया था। जिसमें प्रदेश की तेरह हजार राशन दुकानों का बचत स्टॉक दिखता था।

घोटाले का सार्वजनीकरण न हो करके पोर्टल से खाद्य संचालनालय के एक अधिकारी ने खाद्य विभाग के एनआईसी से तेरह हजार राशन दुकानों के घोषणा पत्र गायब करवा दिया। 600 करोड़ के राशन बचत घोटाले को दबाने के लिए नया शब्द ईजाद किया गया “तकनीकी त्रुटि”। इसमें कुल एक हजार दुकानों के बचत स्टॉक को हेर फेर कर दिया गया है।इसके बावजूद प्रदेश की पांच हजार राशन दुकान ऐसे है जिनमें दो से पांच महीने का चांवल, अतिरिक्त रूप से नियमों की ऐसी तैसी करके दिया गया और करोड़ो रूपये की कालाबाजारी करवाई गई। राशन दुकानों के विरुद्ध नियम से जांच भी नहीं कराई गई। विभाग न तो जांच प्रतिवेदन है न ही कारण बताओं नोटिस है, न जवाब है न ही खाद्य अधिकारी अथवा अनुविभागीय अधिकारी ने अंतिम निर्णय कर घोटाले किए गए चांवल की मात्रा का निर्णय किया है।

बिना छत्तीसगढ़ सार्वजानिक वितरण प्रणालीआदेश के नियमो का पालन किए बगैर आर आर सी जारी कर दी गई है।इस मामले को लेकर बस्तर और सरगुजा के राशन दुकानदार उद्वेलित है।उनका कहना है कि डंडे के बल पर राशन दुकानदारों को परेशान किया जा रहा है। एक राशन दुकानदार ने बताया कि हजारों राशन दुकानदारो की कमीशन राशि काट ली गई है।इसकी कोई विधिक प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। इतने उपाय किए जाने के बाद भी राशन दुकानदारों को बाजार से फोटिफाइड और सामान्य चांवल खरीद कर रखने के लिए मैदानी अमले पर जूम कांफ्रेंस के जरिए निर्देश दिए गए और इस कार्य को विभागीय पोर्टल में एंट्री कराई गई है,जबकि राशन दुकानों में केवल नागरिक आपूर्ति निगम ही चांवल देने के लिए भारत सरकार से अधिकृत है।

219करोड़ का प्रमाणित राशन बचत घोटाला विधान सभा जांच समिति के जांच के दायरे में है। जांच समिति के सभापति ,सदस्य सहित अध्यक्ष, सचिव विधान सभा को प्रमाणित दस्तावेज उपलब्ध करा कर अवगत करा दिया गया है कि अनिल टुटेजा और सौम्या चौरसिया का मोहरा अधिकारी घोटाले का मास्टर माइंड है। जिसने 2022 फरवरी से नवंबर 2022 के घोषणा पत्रों में एन आई सी से छेड़छाड़ करवा कर घोटाले को अंजाम दिया है। अब विधान सभा जांच समिति जानकारी मांग रही है तो साल में एक बार भौतिक सत्यापन और जिले में घोषणा पत्र की जानकारी मांगी जा रही है। मैदानी अमले को राशन दुकानों में बचत स्टॉक की पुष्टि के लिए दबाव बनाया जा रहा है।

खाद्य संचालनालय के अधिकारी ये बताने में असमर्थ है कि की राशन दुकान में कितना चांवल दिया गया, वितरण हुआ और कितना बचा है। इस बात की सूचना सचिव खाद्य को दी जा चुकी है। इसी घोटाले के खिलाफ मैदानी अमला सहित राशन दुकानदार अक्तूबर माह में हड़ताल पर हजार विरोध जता चुके है। छत्तीसगढ़ सार्वजनिक वितरण प्रणाली नियंत्रण आदेश के तहत राशन सामग्री का व्यवर्तन करने वाले अधिकारी के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कानूनी कार्यवाही किए जाने की व्यवस्था है, जिसके अनुसार शीघ्र कार्यवाही होने की आशंका है।

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