छत्तीसगढ़ 24 साल पूरा कर अपने 25वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। आने वाले सालों में प्रदेश विकास की कई नई इबारत लिखने जा रहा है। राज्य सरकार ने इसके लिए प्लानिंग भी कर ली है। छत्तीसगढ़ में रहने वाले 18 लाख गरीबों की छत का सपना पूरा जल्द पूरा हो जाएगा। इसके अलावा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टूरिज्म को इंडस्ट्री का दर्ज दिया जाएगा।
इसी तरह जल्द लॉन्च होने वाले विजन डाक्यूमेंट में नए छत्तीसगढ़ की झलक दिखाई देगी। बताया गया है कि सरकार टूरिज्म के माध्यम से बड़ी इंडस्ट्री खड़ा करना चाह रही है। इसलिए बस्तर और सरगुजा में होम स्टे को बढ़ावा देने के लिए सब्सिडी दी जाएगी।
पहले से बने हुए रिसॉर्ट को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जाएगा। छत्तीसगढ़ी भाषा की फिल्मों के विकास के लिए नवा रायपुर में फिल्म सिटी बनेगी। इससे रोजगार के नए मौके पैदा होंगे। साथ ही फिल्मों के माध्यम से प्रदेश की संस्कृति का विकास होगा।
महामाया, चंद्रपुर में चंद्रहासनी, डोंगरगढ़ में बम्लेश्वरी, दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी व सूरजपुर में कुदरगढ़ मंदिर होगा प्रोजेक्ट का हिस्सा
1000 किमी का होगा शक्तिपीठ प्रोजेक्ट
राज्य की पांच शक्तिपीठों का विकास किया जाएगा। इसके तहत रतनपुर में महामाया मंदिर, चंद्रपुर में चंद्रहासनी मंदिर, डोंगरगढ़ में बम्लेश्वरी मंदिर, दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी मंदिर, सूरजपुर में कुदरगढ़ मंदिर को प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। इन्हें विकसित करने के लिए 1,000 किमी लंबी परियोजना शुरू की जाएगी, जो उत्तराखंड के चार धाम की तर्ज पर होगी। केंद्र ने मंज़ूरी दे दी है।
160 निकायों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनेगा
40 नगर निकायों में घर तक पानी पहुंचाने की योजना पर काम चल रहा है। अमृत मिशन 2.0 की तर्ज पर 2000 करोड़ की इस परियोजना का क्रियान्वयन होगा। साथ ही सभी बड़े नगर निगमों में कंप्रेस्ड बायोगैस प्लांट लगेंगे। इससे कचरे के माध्यम से सीबीजी बनेगी। स्वच्छ भारत मिशन 2.0 के तहत 160 निकायों में 800 करोड़ की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगेगा।
2030 तक लागू रहेगी नई उद्योग नीति
राज्य सरकार की नई उद्योग नीति 1 नवंबर 2024 से लागू हो चुकी है। ये मार्च 2030 तक लागू रहेगी। इसके तहत प्रति व्यक्ति 15 हजार प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। सेवाक्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने प्रोत्साहित किया जाएगा। फार्मास्यूटिकल, टेक्सटाईल, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण, ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रीकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स, रोबोटिक्स जैसे उद्योग फोकस में होंगे।
50 लाख घरों में पहुंचेगा पीने का साफ पानी
जल जीवन मिशन में प्रदेश के 50 लाख ग्रामीण परिवारों को दो साल में घरेलू नल कनेक्शन देने का काम पूरा हो जाएगा। स्वीकृत 29 हजार 161 पेयजल योजनाओं को ग्राम पंचायतों को सौंपंेगे। ताकि ग्राम पंचायतों द्वारा इन योजनाओं का संचालन किया जा सके। इसी तरह दुर्गम बसाहटों में 17 हजार 704 सोलरपम्प के कार्य को आगामी दो साल में पूरा करना है।