भारतीय शेयर बाजार में 4 नवंबर को जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। आज दोपहर 12:30 बजे तक सेंसेक्स 1,250 अंकों की गिरावट के साथ 78,465 पर और निफ्टी 417 अंकों की गिरावट के साथ 23,885 पर कारोबार कर रहा है। इस गिरावट के कारण निवेशकों के 7 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है, जबकि पिछले एक महीने में कुल 30 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है।
गिरावट के प्रमुख कारण
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव: अमेरिकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस और पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच होने वाले चुनाव ने वैश्विक बाजार में अस्थिरता पैदा कर दी है। चुनाव परिणामों का असर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतियों और ब्याज दरों पर पड़ सकता है, जिससे भारतीय बाजार भी प्रभावित हो सकते हैं। जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वी. के. विजयकुमार के अनुसार, चुनाव के नतीजों के बाद निकट भविष्य में बाजार में उतार-चढ़ाव संभव है।
फेडरल रिजर्व की बैठक: 7 नवंबर को अमेरिकी फेडरल रिजर्व की पॉलिसी मीटिंग होने वाली है। संभावित ब्याज दरों में बदलाव को लेकर असमंजस ने निवेशकों को बेचैन कर दिया है, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है। यदि ब्याज दरों में कटौती की संभावना बढ़ती है, तो इससे निवेशकों का व्यवहार प्रभावित हो सकता है।
दूसरी तिमाही के कमजोर नतीजे: कई प्रमुख कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहे, जिससे बाजार में नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। विश्लेषकों का मानना है कि वित्त वर्ष 2025 में निफ्टी की प्रति शेयर आय (EPS) वृद्धि 10% से कम रह सकती है, जिससे वर्तमान मूल्यांकन को बनाए रखना मुश्किल हो जाएगा। इस गिरावट का दौर निवेशकों के लिए चिंता का विषय बन गया है। आगामी दिनों में बाजार की दिशा तय होगी, और निवेशकों को सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।