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कमीशनखोरी का अड़ड़ा बना क्रेडा, ठेकेदारों की मनमानी और अफसर की वसूली की चर्चा, मुख्यमंत्री से जूड़े विभाग में योजनाओं का बंठाधार

रायपुर। छत्तीसगढ़ क्रेडा में एक आईएएस अफसर करीब छह साल तक सीईओ रहे। क्रेडा में सबसे ज्यादा काम रायपुर, महासमुंद, बलौदाबाजार, धमतरी जिले में किया गया। यहां के टेंडरों में जब विवाद बढ़ा, तो इस साल एक भी नया टेंडर जारी नहीं किया। सोलर पैनल और सौर सुजला योजना के तहत नए पंप लगाने के टेंडरों में हुए जबरदस्त विवाद के बाद क्रेडा ने 234 कामों के टेंडर को एक साथ रद्द कर दिया था। आरोप था कि ठेकेदारों ने सिंडीकेट बनाने के बाद काम आपस में बांट लिए थे।

क्रेडा सीईओ द्वारा प्रदेश पेयजल व्यवस्था हेतु संचालित जल जीवन मिशन योजनांतर्गत स्थापित किये जा रहे टंकी युक्त सोलर पंपों के अप्रारंभ कार्य, लंबित सर्वे एवं अनुपयुक्त स्थलों के संबंध में ठेकेदारों को कई बार चेतावनी दी जा चुकी है। साय सरकार के 10 माह में कमीशनखोरी और सिडिकेट बनाकर टेंडर लेकर ठेकेदारों ने काम बांट लिए। इससे हुआ यह कि अधिकारियों की शह पर पूरी योजना में पानी फिर रहा है, हितग्राहियों को महंगे सौर ऊर्जा उपकरणों की खरीदी के लिए विवश होना पड़ रहा है। क्रेडा में सौर सुजला योजना, हाई मास्क और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। सप्लाई और गुणवत्ताविहीन कार्यों के लिए कमीशन से योजनाओं की प्रगति के साथ-साथ ठेकेदारों काे भी दिक्कत हो रही है। विभाग में पदस्थ सीईओ और जेएन बैगा, कार्यपालन अभियंता, को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

सत्ता परिवर्तन के बाद यहां पर हुए कार्याें को देखा जाए तो करोड़ों का वारा न्यारा हो चुका है। मॉडल सोलर विलेज़ योजनांतर्गत सीईओ क्रेडा द्वारा पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के कम्पोनेन्ट मॉडल सोलर विलेज़ के क्रियान्वयन में लापरवाही बरती जा रही है। 9 जिलों में मॉडल सोलर विलेज़ का चयन नही किया गया है। क्रेड़ा के अफसरों को अब यहां के प्रोजेक्टों से पैसा निकालने की नई तरकीब बैगा के माध्यम से ही दिया जा रहा है। हालांकि पूर्व में एक मामले में हाईकोर्ट ने उक्त अफसर पर कार्रवाई के लिए आदेश भी दिया, पर सीईओ के रहमोकरम पर वह अब भी उन्हें अपने अवैध कार्याे के माध्यम से खुश करने लगा हुआ है। मुख्यमंत्री से सीधे जुड़े इस विभाग में इतनी अनियमितता देखकर यही कहा जा रहा है कि कहीं बड़े अफसरों तक तार तो नहीं जूड़े हैं। फिलहाल इस मामले में आगे तहकीकात के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

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