Adani: वरिष्ठ वकील और राज्यसभा सांसद महेश जेठमलानी ने गौतम अदाणी मामले पर कांग्रेस पर निशाना साधा है। जेठमलानी ने कहा कि यह पूरी तरह से राजनीतिक मामला है और कांग्रेस बिना किसी ठोस सबूत के आरोप लगा रही है। जेठमलानी ने ये भी कहा कि जिस न्याय विभाग ने अदाणी समूह पर आरोप लगाए हैं, उसे अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप खारिज कर चुके हैं।
अदाणी समूह के खिलाफ अमेरिकी न्यायालय में लगाए गए आरोपों पर राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने कहा कि ‘अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है कि न्याय विभाग (डीओजे) एक तमाशा है, लेकिन कांग्रेस कभी इस पर ध्यान नहीं देती। अमेरिकी न्याय विभाग बहुत ही जल्दबाजी में काम कर रहा है। इसके समय पर गौर किया जाना चाहिए क्योंकि वे (डेमोक्रेट सरकार) अब लगभग सत्ता से बाहर हो चुके हैं। यही वजह है कि वे सबकुछ तबाह करने पर आमादा हैं। गौतम अदाणी ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत के लिए राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ की और शायद ये डेमोक्रेट सरकार को पसंद नहीं आया। यह मामला पिछले काफी समय से चल रहा है, लेकिन अब बहुत जल्दबाजी की गई और अभियोग में भी अस्पष्टता है और कोई ठोस सबूत भी नहीं है।
महेश जेठमलानी ने कहा कि, ‘अदाणी के खिलाफ जो अभियोग लाया गया है, उसकी टाइमिंग भी संदिग्ध है। यह चुनाव से ठीक पहले और संसद सत्र की पूर्व संध्या पर सामने आया है। अदाणी के खिलाफ कोई सबूत भी नहीं है और अभियोग में कोई अपराध भी आरोपित नहीं किया गया है। अभियोग में भी भारत में किसी भी रिश्वतखोरी की बात नहीं है। यह केवल इतना कहता है कि रिश्वत देने की साजिश हुई थी, लेकिन इसके कोई सबूत नहीं दिए गए हैं। भारत में विदेशी भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम का कोई उल्लंघन नहीं हुआ है।
यह सारा शोर कांग्रेस पार्टी ने मचाया है, जो पूरी तरह से गलत है। ऐसा कौन सा सबूत है जो साबित करता है कि सौर ऊर्जा अनुबंधों को हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने की कोई साजिश थी? कांग्रेस पार्टी एक भारतीय उद्योग समूह के खिलाफ अभियोग पर आंख मूंदकर भरोसा कर रही है, जिसने विदेशों में भारत के लिए कई उपयोगी व्यवसाय किए हैं। कांग्रेस इस अभियोग को बहुत ज्यादा पढ़ रही है और वे इसे पूरी तरह से राजनीतिक उद्देश्यों के लिए कर रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि, ‘यह स्पष्ट रूप से एक राजनीतिक उद्देश्य से किया जा रहा है। उन्हें (कांग्रेस) महाराष्ट्र चुनाव में अभी-अभी हार का सामना करना पड़ा है। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन में बेशक सफल रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र में जहां उन्हें जीत की उम्मीद थी, वहां उन्हें हार का सामना करना पड़ा है। अब उनके पास कोई मुद्दा नहीं है। कांग्रेस पार्टी और विपक्षी गठबंधन सिर्फ अदाणी और मणिपुर के मुद्दे पर जोर दे रहे हैं और उनके पास अन्य कोई मुद्दा नहीं है। जबकि ये दोनों मुद्दे ऐसे हैं, जिन पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। मुझे ये कहते हुए दुख हो रहा है कि इन मुद्दों पर राजनीति करना देश हित में नहीं है और कांग्रेस आग से खेल रही है।’