यूसीसी लागू होने के बाद अब अगर कोई अपनी वसीयत करना चाहता तो यह काम तीन मिनट के वीडियो से भी हो जाएगा। इस वीडियो में अपनी वसीयत को पढ़कर बोलना होगा। इसमें दो गवाह भी बोलेंगे। इसके बाद इस वीडियो को अपलोड करना होगा। इसके अलावा, पोर्टल पर फॉर्म भरकर और हस्तलिखित व टाइप की हुई वसीयत को भी अपलोड किया जा सकता है।
समान नागरिक संहिता में वसीयत की प्रक्रिया को बेहद आसान किया गया है। इसमें यूसीसी की धारा 49 व 60 के अनुसार अपनी संपत्ति का विवरण देना होगा। अपने विधिक उत्तराधिकारी की घोषणा करनी होगी। 18 वर्ष से अधिक आयु और मानसिक रूप से स्वस्थ व्यक्ति ही अपने उत्तराधिकारियों की सूची घोषित कर सकता है। इसमें सब-रजिस्ट्रार सिर्फ यह प्रमाणित करता है कि इस व्यक्ति ने इन लोगों को अपना उत्तराधिकारी घोषित किया है। यदि अधिकारी अतिरिक्त जानकारी मांगता है तो पांच दिन में इसका जवाब देना होगा।
पता या अन्य विवरण बदलने के लिए 30 दिन का समय मिलेगा। इसमें वसीयत को स्वयं सत्यापित करना होगा। इसके अलावा, किसी अधिकृत एजेंसी की मदद से भी कराया जा सकता है। यदि वीडियो के माध्यम से अपनी वसीयत करनी है तो इसमें गवाहों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी अनिवार्य होगी। वीडियो रिकॉर्डिंग से पहले भी आधार नंबर से लॉगइन करना होगा।
वसीयत करने वाले उत्तराधिकारी व कार्यकारी के अधिकार
- वसीयत करने वाला- वसीयत बनाना, बदलना, रद्द करना, पुनर्जीवित करना, अंकित वसीयत घोषित करना।
- कार्यकारी व उत्तरकाधिकारी- वसीयत करने वाले की मृत्यु होने के बाद मृत्यु प्रमाणपत्र देकर वसीयत रजिस्टर करना और वसीयत की प्रति लेना।
- आवेदक की मृत्यु होने पर- यदि कोई व्यक्ति वसीयत का आवेदन करता है और फैसला होने से पहले मृत्यु हो जाती है तो यह पंजीकृत वसीयत मानी जाएगी (यदि जांच सही हो)।
अपील का अधिकार
सब-रजिस्ट्रार/रजिस्ट्रार की अस्वीकृति होने पर- 30 दिन में रजिस्ट्रार या रजिस्ट्रार जनरल के पास ऑनलाइन अपील की जा सकती है। अपील ऑनलाइन पोर्टल या एप के माध्यम से कर सकते हैं।
ये हैं यूसीसी के कुछ प्रावधान
- पंजीकरण के आंकड़े सभी को उपलब्ध होंगे।
- निजी विवरण केवल सहमति से ही साझा हो सकेगा।
- पहली बार झूठी शिकायत पर चेतावनी, दूसरी व तीसरी बार में जुर्माना लगेगा।
- जुर्माने की वसूली 45 दिन में भुगतान अनिवार्य होगा, भूमि राजस्व से वसूली भी होगी।
- ऑनलाइन शिकायत का 45 दिन में निष्कर्ष निकलेगा।
- प्रमाणित कॉपी के लिए ऑनलाइन आवेदन, तय फीस, सीमित सूचना के लिए दोनों पक्षों की संयुक्त अर्जी की जरूरत होगी।
- लिवइन प्रमाणपत्र होने पर मकान मालिक शादी नहीं हुई कहकर इन्कार नहीं कर सकता।