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ISRO ने रचा इतिहास: 100वें मिशन की सफल लॉन्चिंग, GSLV-F15 रॉकेट से NVS-02 सैटेलाइट का किया प्रक्षेपण

ISRO ने एक और इतिहास रचा है. बुधवार को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने GSLV-F15 रॉकेट से NVS-02 मिशन लांच किया. यह नए इसरो अध्यक्ष का पहला और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन का 100वां मिशन था. ISRO के नए अध्यक्ष वी नारायणन ने 13 फरवरी को भारतीय अनुसंधान संगठन के अध्यक्ष का कार्यभार संभाला है. इससे पहले इसरो ने बीतें साल 30 दिसंबर को अंतरिक्ष में स्पेडेक्श मिशन की सफल लॉचिंग की थी.

ISRO ने बुधवार सुबह 06:23 बजे GSLV-F15 रॉकेट से एनवीएस-02 मिशन लॉन्च किया गया. जीएसएलवी-F15 की 17वीं उड़ान है. एनवीएस-02 उपग्रह है, जो नाविक (NAVIC) उपग्रह प्रणाली का हिस्सा है. NVS-02 सैटेलाइट नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन (नाविक) श्रृंखला का दूसरा सैटेलाइट है. इस मिशन का उद्देश्य भारतीय उपमहाद्वीप के साथ-साथ भारतीय भूमि से लगभग 1,500 किमी तक के क्षेत्र में उपयोगकर्ताओं को सटीक स्थिति, समय और वेग प्रदान करना है.

इससे पहले ISRO ने 29 मई, 2023 को पहला नेविगेशन सैटेलाइट एनवीएस-01 लॉन्च किया था. इस नाविक में पांच दूसरी पीढ़ी के सैटेलाइट शामिल हैं – NVS-01/02/03/04/05, जो नाविक बेस लेयर कॉन्स्टेलेशन को उन्नत सुविधाओं के साथ बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं ताकि सेवाओं की निरंतरता सुनिश्चित की जा सके.

NVS-02 सैटेलाइट का वजन लगभग 2,250 किलोग्राम है. इसे यूआर सैटेलाईट सेंटर द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है. इस सैटेलाइट में एल1, एल5 और एस बैंड में नेविगेशन पेलोड के अलावा सी बैंड में रेंजिंग पेलोड है, जो इसके पूर्ववर्ती एनवीएस-01 की तरह है.

ISRO से मिली जानकारी के मुताबिक, सैटेलाइट का उपयोग मुख्य रूप से भूमि, वायु और समुद्री नेविगेशन, सटीक कृषि, फ्लीट प्रबंधन, मोबाइल डिवाइस में स्थान-आधारित सेवाएं, उपग्रहों के लिए कक्षा निर्धारण, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) आधारित अनुप्रयोग, आपातकालीन और समय सेवाएं के लिए किया जाएगा.

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