Breaking News

छत्तीसगढ़ मेें बढ़ेगा बाघों का कुनबा, महाराष्ट्र तथा मध्यप्रदेश से लाएंगे टायगर

किसी भी राज्य के टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या बढ़ाने प्राकृतिक अनुकूलता के साथ बाघों की पेट भरने पर्याप्त शिकार की व्यवस्था होना जरूरी है। तभी बाघों की संख्या में वृद्धि हो पाना संभल है। बाघों की गणना रिपोर्ट आने के बाद अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या पूर्व में चार की तुलना में आठ होने का वन अफसर दावा कर रहे हैं। अफसरों के अनुसार एटीआर में वर्तमान में दो नर बाघ के पीछे छह मादा बाघ है, इससे क्षेत्र में आने वाले वर्षों में बाघों की संख्या में तेजी से इजाफा होने का दावा किया है।

गौरतलब है कि पूर्ववर्ती सरकार ने एटीआर में बाघों की संख्या बढ़ाने पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र तथा मध्यप्रदेश से बाघ लाकर रि इंट्रोड्यूस करने का निर्मय लिया था, तब एटीआर में चार बाघ थे। एटीआर के फील्ड डायरेटर एस. जगदीशन के मुताबिक ट्रैप कैमरा में एटीआर में अब तक आठ बाघों के होने की पुष्टि हुई है। अफसर के अनुसार एटीआर में वर्तमान में जितने बाघ हैं उनकी सुरक्षा के साथ बाघों को शिकार करने पर्याप्त हर्बिबोर मिले, इस ओर पहले ध्यान दिया जा रहा है।

शर्तों के साथ बाध लाने की अनुमति
अफसर के अनुसार पिछले वर्ष सितंबर अक्टूबर में एनटीसीए ने शर्तों के साथ बाघ लाने की अनुमति प्रदान की है। एनटीसीए की पहली शर्त बाघों की सुरक्षा है। इसके बाद दूसरी शर्त बाघों के पेट भरने के लिए पर्याप्त मात्रा में हर्बिबोर होने की शर्त है। एनटीसीए के शर्तों को पूरा करने एटीआर में चीतल की संख्या बढ़ाने उपाय किए जा रहे हैं।

सफारी से ले जाएंगे डेढ़ सौ चीतल
बाघों को शिकार के लिए पर्याप्त संख्या में हर्बिबोर मिल सके। इसके लिए जंगल सफारी से डेढ़ सौ चीतल एचानकमार टाइगर रिजर्व में शिफ्ट करने की जानकारी फील्ड डायरेक्टर ने दी है। अफसर के अनुसार एटीआर में चीतल शिफ्ट करने के पहले इनक्लोजर बनाने का काम चल रहा है, जो फरवरी तक कंपलीट हो जाएगा।

ऐसे छोड़ेंगे चीतल को जंगल में
जंगल सफारी से चीतल अचानकमार में शिफ्ट करने के बाद उन्हें जंगल में ऐसे ही नहीं छोड़ा जाएगा। इनक्लोजर में चीतल की ब्रिडिंग होने के बाद उसी अनुपात में व्यस्क चीतल जंगल में छोड़े जाएंगे। उल्लेखनीय है कि चीतल का ब्रिडिंग 90 से 100 दिन के भीतर होता है। सफारी से चीतल शिफ्ट करने के बाद जंगल में चीतलों को छोड़ने कम से कम तीन महीने का समय लगेगा।

शिकार के लिए प्रति 27 वर्ग किलोमीटर में चीतल
अचानकमार टाइगर रिजर्व में वर्तमान में आठ बाघ स्थायी रूप से रह रहे हैं ऐसे में प्रत्येक बाघ के लिए वर्तमान में 27 वर्ग किलोमीटर में एक हर्बिबोर प्रजाति का वन्यजीव है। जबकी मध्यप्रदेश स्थित कान्हा टाइगर रिजर्व में बाघों के शिकार के लिए प्रति 10 वर्ग किलोमीटर में हर्बिबोर प्रजाति के वन्यजीव है।

स्थिति अनुकूल नहीं होने पर दूसरे जंगल शिफ्ट
अफसर के अनुसार बाघों को अनुकूल परिस्थिति मिले इसमें प्रमुख रूप से बाघों की मेटिंग के अलावा पीने के लिए पर्याप्त पानी की व्यवस्था के साथ शिकार के लिए वन्यजीवों का होना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर बाघ किसी दूसरे जंगल में शिफ्ट हो जाएंगे या फिर रहवासी क्षेत्र में घुसकर मवेशियों के साथ जान माल को नुकसान पहुंचाएंगे।

सौ से ज्यादा बीट में 39 फॉरेस्ट गार्ड
गौरतलब है कि अचानकमार टाइगर रिजर्व में पेट्रोलिंग करने के लिए 109 बीट है। इन 109 बीट में पेट्रोलिंग करने वर्तमान में 39 के करीब फॉरेस्ट गार्ड है, जिन्हें अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। एनटीसीए की सुरक्षा शर्तों को पूरा करने एटीआर में प्रति 10 किलोमीटर में कैंप बनाने के साथ फॉरेस्ट गार्ड की संख्या बढ़ाने एटीआर प्रबंधन शासन को पत्र लिखने की बात कह रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *