रायपुर: भारत निर्वाचन आयोग ने राज्यसभा चुनाव का ऐलान कर दिया है। राज्यसभा की 56 सीटों के लिए 27 फरवरी को वोटिंग होगी। इन सीटों में से एक सीट छत्तीसगढ़ की भी है। यहां से बीजेपी की सरोज पांडेय राज्यसभा सांसद हैं। उनका कार्यकाल अप्रैल में खत्म हो रहा है। राज्यसभा सांसद के लिए जो चुनाव होने हैं उसके लिए नामांकन की आखिरी तारीख 15 फरवरी तय की गई है। छत्तीसगढ़ की राज्यसभा सांसद सरोज पांडेय का भी कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त हो जाएगा। ऐसे में बीजेपी किसे राज्यसभा सांसद भेजने के लिए दांव लगाती है, देखना दिलचस्प होने वाला है। बीजेपी फिर किसी नए चेहरे को मौका मिल सकता है। अटकलें यह भी लगाई जा रही हैं कि रामप्रताप सिंह पर दांव लगा सकती है।
भाजपा संगठन के शिल्पी
छत्तीसगढ़ में भाजपा संगठन के शिल्पी के रूप में उनका नाम लिया जाता है। उन्होंने 2003 से लेकर 2018 तक लगातार पूरे प्रदेश में संगठन को मजबूती प्रदान किया। उसके बाद वे संगठन में सरगुजा और रायगढ़ पर ध्यान दिया। विधानसभा चुनाव में इसका पूरा परिणाम दिख रहा है। बताया जाता है कि राज्यसभा के एक सीट को लेकर अधिसूचना जारी होने के साथ ही संगठन ने भी नाम की तलाश शुूरू कर दी है। केंद्रीय नेतृत्व को उनके नाम के साथ पूरी जानकारी भेजी जा चुकी है।
बीजेपी की चौंकाने वाली रणनीति
विधानसभा चुनाव को लेकर और उसके बाद भी छत्तीसगढ़ में बीजेपी चौंकाने वाली रणनीति दिख रही है। विधानसभा चुनाव के दौरान प्रदेश में कई ऐसे चेहरों को टिकट दिया गया जो कभी भी रेस में नहीं थे। इसके बाद विष्णु देव साय को मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने फिर सबको हैरान कर दिया था। अब बारी राज्यसभा चुनाव की है ऐसे में कयास यही लगाए जा रहे हैं कि भाजपा अपनी नई रणनीति से सबको चौंका सकती है। पूर्व संगठन मंत्री रामप्रताप सिंह जशपुर और सरगुजा में अच्छी पैठ रखते हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान संगठन के निर्देश पर यहां रह कर मेहनत की और पार्टी को यहां पूरी सीट दिलाकर अच्छी भूमिका निभाई। डॉ. रमन सरकार के समय उन्होंने औषधि और पादप बोर्ड के अध्यक्ष रहे। आरएएस से आने वाले श्री सिंह के नाम को लेकर भाजपा संगठन की सहमति बनने के आसार हैं।