रांची. Jharkhand Floor Test: बड़ी खबर झारखंड से है जहां नई सरकार ने विधानसभा में हुए फ्लोर टेस्ट को पास कर लिया है. सुबह के 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई. कार्यवाही के बाद सदन में विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हुई जिसके बाद वोटिंग कराई गई. वोटिंग में चंपाई सोरेन सरकार के पक्ष में 47 विधायक खड़े हुए जबकि विपक्ष में 29 सदस्य खड़े हुए. इस तरह से चंपाई सोरेन की सरकार ने विधानसभा में विश्वासमत हासिल कर लिया है.
विपक्ष में बीजेपी का 25, आजसू का 3 और NCP का 1 मत मिला. इस दौरान एक निर्दलीय विधायक सरयू राय तटस्थ रहे जबकि अमित यादव समेत एक अन्य विधायक सदन की कार्यवाही में नहीं मौजूद रहे. फ्लोर टेस्ट में शामिल होने के लिए झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन भी ईडी की कस्टटी में विधानसभा पहुंचे थे. सदन में हेमंत सोरेन ने मीडिया से बात नहीं की. मीडिया के प्रति उनका बॉडी लैंग्वेज काफी नकारात्मक दिखा और वो मीडियाकर्मियों पर झल्लाते भी दिखे. इससे पहले सदन में चंपाई सोरेन ने कहा कि शिबू सोरेन का विद्यार्थी हूं मैं. गुरुजी ने हमें आंदोलन करना सिखाया. हेमंत सोरेन का नाम खाता बही में नहीं लिखा है फिर भी उनको जेल जाना पड़ रहा है.
आदिवासी जब नेतृत्व करते हैं तो उनके रोका जाता है. हेमंत सोरेन का हर घर में योजना देखने मिलेगा. उन्होंने कहा कि आज हम किसी का नाम नहीं लेना चाहते थे लेकिन कुछ लोग आज उधर चले गए हैं, इस लिए ED नहीं गई. ईडी, सीबीआई का दुरुपयोग सत्ता के लिए हो रहा है. ये लोकतंत्र के लिए बड़ा खतरा है. पूरे देश में आज लोकतंत्र को बचाना है. मुझे जनाधार और हेमंत सोरेन को बचाने के लिए आपका समर्थन जरूरी है.
चंपाई सोरेन ने कहा कि 31 जनवरी की काली रात, काला अध्याय देश के लोकतंत्र में जुड़ा है. देश में पहली बार CM या पूर्व CM या किसी व्यक्ति की राजभवन के अंदर से गिरफ्तारी हुई है. मालूम हो कि झारखंड में सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों का समर्थन जरूरी होता है. अभी JMM, कांग्रेस और RJD गठबंधन के पास 47 विधायक हैं. कुल 81 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा के पास 26 विधायकों का समर्थन है. झारखंड में सबसे पहले तत्कालीन मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने अपनी सरकार के बहुमत साबित करने के लिए 23 नवंबर 2000 को विश्वास प्रस्ताव लाया था, जिसमें उन्होंने बहुमत साबित किया था.