Haldwani Violence: उत्तराखंड के हिंसाग्रस्त हल्द्वानी शहर के बाहरी इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है लेकिन बनभूलपुरा क्षेत्र में यह लागू रहेगा. दूसरी ओर घटना की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं. कुमाऊं के कमिश्नर को इसकी जिम्मेदारी देते हुए 15 दिनों के अंदर उनसे रिपोर्ट मांगी गई है. दूसरी ओर अफसरों पर भी अब सवाल खड़े होने लगे हैं.
सूत्रों के अनुसार बनभूलपुरा हिंसा के पहले चार दिन में पांच इंटेलिजेंस रिपोर्ट दी गई थीं, जिनमें साफ तौर पर इस रिपोर्ट में हिंसा होने की आशंका जतायी गई थी. साथ ही कई और आवश्यक सुझाव दिये थे, जिन्हें कार्रवाई के दौरान अमल में लाया जाना जरूरी बताया था. लेकिन इनमें से कोई भी सुझाव-सलाह हो नहीं माना गया. सूत्रों की माने तो इसकी वजह अफसरों की मनमानी को बताया गया है.
इलाके में लगातार की जा रही गश्त
बीते गुरुवार को एक अवैध मदरसे को तोड़े जाने को लेकर भीड़ ने आगजनी और तोड़फोड़ की थी. अब घटना के 48 घंटे बाद शहर के बाहरी इलाके में दुकानें शनिवार को खुलीं लेकिन स्कूल बंद हैं. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजी), कानून-व्यवस्था ए.पी. अंशुमन ने हल्द्वानी में डेरा डाला हुआ है. उन्होंने बताया, ‘‘प्रभावित इलाके में लगातार गश्त की जा रही है और स्थिति नियंत्रण में है.’’
उन्होंने बताया कि गुरुवार की हिंसा में शामिल पांच लोगों को अभी तक गिरफ्तार किया गया है और तीन प्राथमिकियां दर्ज की गयी हैं. सोशल मीडिया पर अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं. एडीजी ने कहा कि बनभूलपुरा इलाके में कर्फ्यू अभी लागू है. हालांकि, निवासियों को समय-समय पर आवश्यक सामान खरीदने की अनुमति दी जा रही है. उन्होंने बताया कि काठगोदाम तक रेल सेवाएं भी बहाल कर दी गयी हैं. बता दें कि इस घटना में अभी तक छह लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं. घायलों को अस्पताल में भर्ती किया गया था. अस्पताल में भर्ती घायलों में से करीब 60 लोगों को डिस्टार्ज कर दिया गया है.