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अधिकारी मेहरबान बंदिन पहलवान

सरकार बदलने से मंत्रियों के चेहरे बदलते है लेकिन ढीठ अधिकारी अपने कर्मो से बाज नहीं आते है।उनको लगता है कि ईमानदारी का स्वांग रचा जा रहा है।लोकसभा चुनाव के बाद हिसाब किताब होगा तो जनवरी से हिसाब मांगा ही जायेगा। ये धारणा बना कर रायपुर के महिला जेल में पिछले सरकार की भारी भरकम महिला अधिकारी को एक जेल अधिकारी को शुल्क के बदले सुविधा उपलब्ध कराने का काम मिला हुआ है जिसे वे बखूबी से कर रहे है। राजेश मिश्रा के जेल महानिदेशक बनने के बाद एक दो दिन ताम झाम रहा इसके बाद पुराने ढर्रे पर महिला जेल चल पड़ा है। महिला जेल के एक अधिकारी को पर्ची दी गई जिसमे संबंधित व्यक्ति से राशि लेने का ब्यौरा था।

सूत्रों के अनुसर से विशेष चाय, हॉट टी पॉट (थर्मस) में, फ्राई सब्जी और पकी हुई रोटियां की आपूर्ति पाक शाला से किया जा रहा है । महिला बंदी बहाना बना बना कर भीतर के अस्पताल में भर्ती हो रही है।भीतर के जानकार बता रहे है कि बड़े न्यायालय से जमानत पाने का एकमात्र कारण गंभीर बीमारी ही है। दूसरी तरफ कोरबा की महिला को बैरक बदल कर आम कैदी बंदी की तरह व्यवहार शुरू हो गया है। रात में सीखचो के बीच से भीतर घुसे मच्छर काट रहे है लेकिन सिर से पैर तक ओढ़कर सोने के अलावा कोई विकल्प नहीं है दूसरी तरफ जेल के अधिकारी भारी भरकम महिला को ओडोमास उपलब्ध करा रहे है। हरे गांधियों में दम है।गृह और जेल मंत्री सहित महानिदेशक जेल कितने सोनकर को सस्पेंड करेंगे

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