मुंबई. महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन को एक बड़ा झटका लगा है. राज्य समाज पार्टी के प्रमुख और विधायक महादेव जानकर बीजेपी की अगुवाई वाले महा युति गठबंधन में शामिल हो गए हैं. राज्य समाज पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट के साथ थी. महा विकास आघाड़ी महादेव जानकर को टिकट भी देने वाली थी. पर आखरी समय में महादेव जानकर महा युति में शामिल हो गए. महादेव जानकर, शरद पवार के बेहद करीबी माने जाते हैं और कई साल से शरद पवार की एनसीपी को सपोर्ट करते थे. महादेव जानकर का एमवीए से जाना शरद पवार गुट और महा विकास आघाड़ी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी की अगुवाई वाले महायुति और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) उम्मीदवारों को लेकर पार्टी के अंदर कलह को दूर करने में जुट गए हैं. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल को मनाने के लिए उनसे बात की. दरअसल बारामती निर्वाचन क्षेत्र में अजीत पवार के नेतृत्व वाली राकांपा उम्मीदवार सुनेत्रा पवार की जीत के लिए उनकी सक्रिय भागीदारी जरूरी थी, जहां उनका मुकाबला शरद पवार की बेटी और मौजूदा सांसद सुप्रिया सुले से है.
फडणवीस का हस्तक्षेप जरूरी था. हालांकि, पाटिल भाजपा का दामन थाम चुके हैं, लेकिन वह 2014 में इंदापुर निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव और 2019 के चुनावों में राकांपा (यूनाइटेड) उम्मीदवार दत्ता भरणे से अपनी हार को अभी तक नहीं भूले हैं. पाटिल ने 2014 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था. लेकिन बाद में वह भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने 2019 का विधानसभा चुनाव भाजपा उम्मीदवार के रूप में लड़ा था.
पाटिल और पवार के बीच प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर है. इसलिए, देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को पाटिल और उनके बच्चों के साथ एक बैठक की. उन्होंने उन्हें मतभेदों को दूर करने और सुनेत्रा पवार की जीत के लिए अजीत पवार के साथ बैठक आयोजित करने का आश्वासन दिया. हर्षवर्धन पाटिल ने बारामती लोकसभा सीट का हिस्सा ‘इंदापुर’ के अपने समर्थकों से बात करने के बाद अपना सहयोग देने का आश्वासन दिया है.