तानाशाही और तानाशाह के रहमो करम में जीवन जीने वाले उपरोक्त नाम और पद वार व्यक्तियों। 15 साल बाद जनता ने कांग्रेस को बहुमत दिया था इस विश्वास के साथ कि जन कल्याण के लिए भाजपा सरकार से बेहतर कार्य करेगी। विश्वास पर घात का काम पैर रखते ही शुरू हो गया। कोरोना काल में कुछ व्यक्तियों के स्पिरिट पीकर मरने से दिल दहला नही था बल्कि शराब की बोतलो में भ्रष्ट आचरण के गुलाबी हरे नोट दिख रहे थे। शराब की दुकानें खुली और साथ में खुला भ्रष्ट्राचार की बड़ी दुकान। मुख्यमंत्री के कार्यालय से सौम्या चौरसिया का नंगा नाच शुरू हो चुका था। इस महिला के साथ दर्जनों आई ए एस और आई पी एस अफसरों सहित सूर्यकांत तिवारी का एक नेक्सस काम करने लगा था। समाचार पत्रों को विज्ञापन न देने और कार्यवाही का डर दिखाने के लिए दीपांशु काबरा को लाया गया।
अभिषेक माहेश्वरी जैसे तलवे चाटने वाले अधिकारी लोकतंत्र की खिल्ली उड़ा रहे थे। मैने, निलेश शर्मा ने सच बताने का जोखिम मोल लिया। प्रमाण दिया, सच लिखा। ऐसा ही काम सुनील नामदेव भी कर रहे थे। जनता तक सच न पहुंचे इसके लिए पूर्व मुख्य मंत्री कार्यालय से फेरहिस्त बनाई गई. तानाशाही का नमूना दिखाने के लिए पत्रकारों को निशाना बनाया गया। सुनील नामदेव के खिलाफ एक के बाद एक आपराधिक मामला बनाया गया। मेरे विरुद्ध पीटा एक्ट लगाया गया। आई टी की धारा लगाकर समाज में नकारात्मक समाचारों का आरोप लगाकर रायपुर जेल में दाखिल कर दिया गया। एक दिन में तत्काल बिना किसी नियम कानून के मुझे बिलासपुर भेज दिया गया।
मेरे परिवार को सूचना बाद में दी गई। जेल नियम 313 में ये लिखा है कि जिस कैदी का जिले में प्रभाव में हो उसे अन्य किसी जेल में ट्रांसफर किया जा सकता है। केवल पत्रकारों, सरकार विरोधियों को धमकाने के नाम पर मुझे बिलासपुर जेल ट्रांसफर कर दिया गया। मेरे जैसा साधारण पत्रकार को रायपुर से बिलासपुर ट्रांसफर किया गया। कांग्रेस सरकार के दौरान शराब,कोयला, महादेव सट्टा, घोटाले से जुड़े कम से कम 150लोग जो प्रभावशाली है, धनवान है रायपुर जेल में है। इनके देखभाल के लिए 151 धारा का उल्लंघन करवा कर सेवक मुखबिर भेजे गए। जेल के भीतर सारी सुख सुविधा मुहिया करवाई गई।
जेल के भीतर सौम्या चौरसिया फाइल देखा करती थी। कोयला और शराब घोटाले के आरोपियों को जेल में टीवी, मोबाइल, नशे का सामान, मांसाहारी भोजन सब उपलब्ध कराया गया। मेरे जैसा सलूक राज्य के वर्तमान गृह मंत्री विजय शर्मा जी के साथ भी किया गया था। उनको तो आधा दर्जन जेल घुमा दिया गया था। मैं माननीय मुख्य मंत्री विष्णु देव साय जी और गृह मंत्री विजय शर्मा जी मांग करता हूं कि शराब और कोयला घोटाले से जुड़े बंदियों को प्रदेश के सारे जेल में अलग अलग ट्रांसफर किया जाए।