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अब Amazon के डिलीवरी बॉक्स से नहीं निकलेगा फोन की जगह साबुन! कंपनी ने किया गजब का जुगाड़

Amazon AI Feature: ऑनलाइन शॉपिंग करते समय क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आपको जो सामान डिलीवर हुआ हो वो खराब निकला हो? क्या आपको कभी कोई डिफेक्टिव प्रोडक्ट या गलत साइज का कपड़ा मिला है? अब अमेजन ऐसी गलतियों को कम करने के लिए एक खास आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) टूल का इस्तेमाल कर रहा है. इस टूल का नाम Project P.I. है. इसमें P.I. का मतलब “प्राइवेट इन्वेस्टिगेटर” है. ये बिल्कुल एक डिटेक्टिव की तरह काम करता है और सामान को स्कैन करके किसी भी तरह की खराबी को पकड़ लेता है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.

अमेजन के वर्ल्डवाइड सेलिंग पार्टनर सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट धर्मेश मेहता ने बताया कि “अपने ऑपरेशन फैसिलिटीज में AI और प्रोडक्ट इमेजिंग का इस्तेमाल करके, हम खराब सामान को पहले ही पहचानने में सक्षम हैं. इससे न सिर्फ ग्राहकों को फायदा होता है बल्कि विक्रेताओं और पर्यावरण को भी फायदा होता है.”

कैसे काम करता है Project P.I.?
प्रोजेक्ट पी.आई. दो तरह की AI तकनीक का इस्तेमाल करती है. इसमें जेनेरेटिव AI और कंप्यूटर विजन शामिल है. ये टेक्नोलॉजी पैक्ड या टूटा हुआ सामान, गलत रंग का सामान या गलत साइज का सामान पहचान सकती है. ये सब ग्राहक के पास पहुंचने से पहले ही पता चल जाता है. यही नहीं, ये सिर्फ समस्या बताने तक ही सीमित नहीं है. प्रोजेक्ट पी.आई. ये भी पता लगाता है कि आखिर ये खराबी हुई क्यों. इससे अमेजन भविष्य में होने वाली गलतियों को रोक सकता है. जब कोई सामान प्रोजेक्ट पी.आई. द्वारा स्कैन हो जाता है, तो अमेजन के कर्मचारी ये तय करते हैं कि क्या उस सामान को थोड़े कम दाम पर बेचा जा सकता है, दान कर दिया जाए या फिर किसी और तरह इस्तेमाल किया जाए.

Project P.I. अभी कहां इस्तेमाल हो रहा है?
अभी ये टेक्नोलॉजी अमेरिका में इस्तेमाल की जा रही है. 2024 के अंत तक इसे और भी ज्यादा जगहों पर इस्तेमाल किए जाने की उम्मीद है. अमेजन की वर्ल्डवाइड सस्टेनेबिलिटी की वाइस प्रेसिडेंट कारा हर्स्ट का कहना है कि “AI इस बात को सुनिश्चित करने में मदद कर रहा है कि हम न सिर्फ ग्राहकों को अच्छी चीजें देकर खुश करें, बल्कि ये पर्यावरण को भी फायदा पहुंचाता है. इससे कम सही सामान हमारे गोदाम से बाहर नहीं निकल पाएंगे. इससे ट्रांसपोर्टेशन, पैकेजिंग और रिटर्न्स की वजह से होने वाला प्रदूषण भी कम होगा.” इसके अलावा अमेजन यह भी बताता है कि वो ग्राहकों को होने वाली परेशानियों की वजह का पता लगाने के लिए एक और खास AI सिस्टम का इस्तेमाल कर रहा है.

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