नई दिल्ली/गंगटोक. पूर्वोत्तर राज्य सिक्किम में मानसूनी बारिश कहर बरपा रही है. लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने आमलोगों का जीना मुहाल कर दिया है. सामान्य जनजीवन जहां पटरी से उतर गया है, वहीं आवश्यक चीजों की आपूर्ति भी प्रभावित होने लगी है. दक्षिण भारत और पूर्वोत्तर में एक साथ दक्षिण-पश्चिम मानसून एक्टिव हुआ था. सालों के बाद ऐसा हुआ है, जब देश के दो अलग-अलग हिस्सों में मानसून साथ में सक्रिय हुआ है.
मानसून के एक्टिव होने के बाद से पूर्वोत्तर के राज्यों में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. मौसम विभाग ने फिलहाल वेदर में किसी तरह का बदलाव न आने का पूर्वानुमान जारी किया है. इस बीच, सिक्किम में अभी भी कई दिनों से 1600 लोग फंसे हुए हैं. टूरिस्टों को रेस्क्यू करने के लिए इंडियर एयर फोर्स से मदद मांगी गई है. वायुसेना की टीम मौसम के ठीक होने का इंतजार कर रही है, ताकि लोगों को सुरक्षित तरीके से उन्हें निकाला जा सके.
एक तरफ राजधानी दिल्ली समेत उत्तर और पूर्वी भारत का अधिकांश इलाका भीषण गर्मी की चपेट में है, दूसरी तरफ पूर्वोत्तर में लगातार मूसलाधार बारिश ने हालत खराब कर रखी है. लगातार तेज बारिश की वजह से सिक्किम में कई जगहों पर सड़कें पानी के तेज बहाव या फिर लैंडस्लाइड में तबाह हो चुकी हैं. ऐसे में उत्तरी सिक्किम में तकरीबन 1600 टूरिस्ट फंस गए हैं. सड़क मार्ग पूरी तरह से बंद होने की वजह से ये लोग जहां-तहां फंसे हुए हैं. मौसम इस हद तक खराब है कि हवाई सेवाएं भी ठप पड़ गई हैं. ऐसे में फंसे हुए पर्यटकों को निकालाने के लिए एयर फोर्स की मदद मांगी गई है. हालांकि, खराब मौसम को देखते हुए एयर फोर्स भी रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में असमर्थ है. वायुसेना को भी मौसम में सुधार आने का इंतजार है.
सिक्किम में अभी तक शुरू नहीं हो सका बचाव अभियान
खराब मौसम के चलते सिक्किम में अभी तक राहत एवं बचाव का काम अभी तक शुरू नहीं हो सका है. एयर फ़ोर्स को भी मौसम ठीक होने का इंतजार है. नॉर्थ सिक्किम में तकरीबन 1600 लोगों के फंसे होने की बात कही जा रही है. सिक्किम में फंसे टूरिस्टों को रेस्क्यू करने के लिए भारतीय वायुसेना से अनुरोध किया गया था. खराब मौसम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एरियल रेकी भी नहीं की जा सकी है. 11 जून को अचानक हुई तेज बारिश के बाद से हालात लगातार बिगड़ते चले गए. लैंडस्लाइड की वजह से सड़कें तक बह चुकी हैं.
स्टैंडबाय पर हेलीकॉप्टर
एयर फोर्स ने अपने हेलीकॉप्टर को स्टैंडबाय पर रखा है, ताकि मौसम में सुधार आते ही फंसे हुए लोगों का रेस्क्यू किया जा सके. हेलीपैड पर प्रशासन उन्हें जैसे-तैसे लेकर आएगी और वहीं से हेलीकॉप्टर के जरिए निकाला जाएगा और अगर पर्यटक किसी ऐसी जगह पर फंसे हैं, जहां से हेलीपैड तक नहीं पहुंच सकेंगे तो उन्हें एयरलिफ्ट किया जाएगा. हालांकि, एयरलिफ्ट करने से पहले लोकेशन की रेकी की जाएगी और इस बात का पता लगाया जाएगा कि जहां पर लोग फंसे हैं, वहां हेलीकॉप्टर को लैंड कराया जा सकता है या नहीं.