हिन्दू धर्म ग्रंथों में सांपों को काफी महत्व दिया गया है. भगवान शिव को गले में हमेशा सांपों का हार रहता है. भगवान विष्णु भी शेषनाग की शय्या पर आराम करते हैं. बलराम और लक्ष्मण को शेषनाग का अवतार माना जाता है. ऐसे में नाग पंचमी का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है. नाग पंचमी, जिसे श्रावण महीने में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है.
सावन के महीने में सोमवार के दिन नाग पंचमी पर्व पड़ने से इस बार नाग पंचमी का महत्व काफी बढ़ जाता है. वहीं, नाग पंचमी कालसर्प दोष और राहु-केतु दोष को दूर करने के लिए अच्छा मौका है.
मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा करने से ग्रह-बाधा और अकाल मृत्यु का दोष दूर होता है. ज्योतिष में सर्प या सांप के माध्यम से राहु एवं केतु का चित्रण किया जाता है. राहु का सर्प का मुख और केतु को उसका धड़ माना जाता है. कुंडली में इनकी स्थिति की वजह से काल सर्प दोष का निर्माण होता है. ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार नाग पंचमी के दौरान सांपों की पूजा करने से कालसर्प दोष कम किया जा सकता है.
नाग पंचमी: तिथि एवं मुहूर्त 2024
अगस्त की रात 12:35 बजे से इसकी शुरुआत होगी और समापन 10 अगस्त को सुबह 3:13 बजे होगा. ऐसे में नाग पंचमी 9 अगस्त को ही मनाई जाएगी. नाग पंचमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 9 अगस्त की सुबह 5 बजकर 46 बजे से शुरू होकर सुबह 8 बजकर 25 बजे तक रहेगा.
क्या करें उपाय?
यदि कुंडली में कालसर्प दोष है, तो आप नाग पंचमी के दिन, चांदी के नाग-नागिन के जोड़े को किसी बहती नदी में अर्पित करें या किसी को दान में दें. इससे यदि सांपों का भय हो, बार-बार सपने में सांप दिखें, तो नाग पंचमी के दिन नाग की पूजा करें. इससे सांप के भय और काटने से सुरक्षा मिलती है. घर के मुख्य द्वार पर नाग देवता का चित्र बनायें. ऐसा करने से घर का वास्तु दोष दूर होता है और नकारात्मकता नष्ट हो जाती है. नाग पंचमी के दिन गायत्री मंत्र का एक माला जाप करने से भी काल सर्प दोष दूर हो जाता है.