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Karnataka: वाल्मीकि निगम घोटाले की जांच करेगी सीबीआई, हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को दिया नोटिस

कर्नाटक हाईकोर्ट ने मंगलवार को राज्य सरकार को नोटिस जारी करते हुए वाल्मीकि निगम में हुए घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने के निर्देश दिए। कोर्ट ने यह आदेश यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। हाईकोर्ट की न्यायाधीश एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने मामले की सुनवाई के लिए सात अगस्त अगली तारीख तय की।

बैंक की तरफ से अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने कहा कि बैंकिंग संस्थान की अखंडता महत्वपूर्ण है। बैंकिंग कार्यों की निगरानी रिजर्व बैंक करता है। साथ ही निष्पक्ष जांच के लिए धोखाधड़ी के मामलों को सीबीआई को भेजता है। अदालत ने वेंकटरमणी के तर्क को मानते हुए राज्य को घोटाले की जांच सीबीआई को देने के निर्देश दिए।

वहीं सरकार की ओर से महा अधिवक्ता शशि किरण शेट्टी ने याचिका पर आपत्ति दर्ज करने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा। कर्नाटक महर्षि वाल्मिकी अनुसूचित जनजाति विकास निगम लिमिटेड में हुए गबन के मामले में सरकार ने सीआईडी के एडीजी मनीष खरबिकर के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया था। इसकी जांच के दौरान एसआईटी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के अधिकारियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग करते हुए यूनियन बैंक ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार को नोटिस जारी किया।

यह था मामला
कर्नाटक की महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम में लेखा विभाग के अधीक्षक चंद्रशेखर पी ने 26 मई को आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने एक सुसाइड नोट छोड़ा था। इसके बाद निगम में बड़ा घोटाला सामने आया। नोट में निगम के खाते से 187 करोड़ रुपये अवैध तरीके से ट्रांसफर किए गए। इसमें से 88.62 करोड़ रुपये आईटी कंपनी और हैदराबाद की एक सहकारी बैंक में अवैध रूप से भेजे गए। घोटाले का आरोप लगने के बाद अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री बी नागेंद्र ने छह जून को इस्तीफा दे दिया था। मौजूदा समय में वे ईडी की हिरासत में हैं।

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