झारखंड विधानसभा के मॉनसून सत्र के पांचवें दिन, सदन में हंगामे के बाद 18 BJP विधायकों को निलंबित कर दिया गया। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र महतो ने सदन की गरिमा को ठेस पहुंचाने और सदन की अवमानना के आरोप में इन विधायकों को 2 अगस्त की दोपहर 2 बजे तक के लिए निलंबित किया। निलंबित विधायकों में कई प्रमुख नेता शामिल हैं, जिनमें विरांची नारायण, अनंत ओझा, रंधीर सिंह और अन्य प्रमुख नाम हैं।
नेता प्रतिपक्ष अमर बावरी ने कहा कि विधायकों का सस्पेंशन गलत है। यह लोकतंत्र की हत्या है। उनका कहना है कि यह कार्रवाई सरकार के इशारे पर की गई है। स्पीकर ने BJP विधायकों को अपनी बात रखने का कोई मौका नहीं दिया। बावरी ने कहा कि सरकार अब तानाशाही पर उतर आई है। सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।
अंधकारमय लोकतंत्र का नया अध्याय:अमर बावरी
अमर बावरी ने इसे लोकतंत्र का एक अंधकारमय अध्याय करार दिया। उन्होंने कहा कि पहले सदन में जूते फेंके गए, कुर्सियां और माइक तोड़े गए, फिर भी कोई निलंबन नहीं हुआ। आज हमने ऐसा कुछ नहीं किया, फिर भी हमें निलंबित किया गया। यह सरकार विरोध का अधिकार भी छीन रही है। इस पूरे प्रकरण को लेकर विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
AJSU सुप्रीमो ने की निलंबन वापस लेने की मांग
AJSU के नेता सुदेश महतो ने सदन में कहा कि निलंबित विधायकों पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए ताकि सदन की कार्यवाही निर्विघ्न रूप से चल सके। वहीं, BJP विधायक नीलकंठ मुंडा ने भी सवाल उठाते हुए कहा कि उन्हें क्यों नहीं निलंबित किया गया जबकि वे भी उन्हीं मुद्दों पर सरकार से जवाब मांग रहे थे। इससे सरकार के कार्य करने के तरीके पर सवाल उठ रहे हैं।
सदन के बाहर विपक्षी विधायकों का विरोध प्रदर्शन
विपक्ष के विधायक सदन के बाहर धरने पर बैठे गए। विधायकों ने अपने हाथों में प्लेकार्ड्स लेकर विरोध किया जिनपर लिखा था, ‘सहायक पुलिसकर्मियों और होमगार्ड्स की स्थायी नौकरियों का क्या हुआ,’ ‘5 लाख नौकरियों का क्या हुआ,’ और ‘बेरोजगारी भत्ता का क्या हुआ।’ विपक्ष ने हेमंत सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए, जमकर नारेबाजी की। उनका कहना है कि सरकार रोजगार और युवाओं के सपनों के मुद्दे पर विफल रही है।
बीत रात से धरना और हंगामा जारी
बुधवार को मॉनसून सत्र के चौथे दिन, BJP विधायकों ने रोजगार और बेरोजगारी भत्ता को लेकर सरकार से जवाब मांगा और धरने पर बैठ गए। रात में बिजली और पानी की आपूर्ति भी बंद कर दी गई, जिससे विपक्ष के विधायक और आक्रोशित हो गए। देर रात एक बजे विधायकों को मार्शलों द्वारा सदन से बाहर निकाला गया, जिसके बाद विधायक लॉबी में धरना देते रहे।