बांग्लादेश में अशांति चरम पर पहुंच चुकी है। उपद्रवियों ने मंदिरों के बाद अब हिंदू घरों को निशाना बनाया और महिलाओं पर हमले किए। ये सिलसिला शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने के बाद शुरू हुआ । इस हिंसा में कई हिंदू मंदिरों, घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ की गई, महिलाओं पर हमला किया गया तथा अवामी लीग पार्टी से जुड़े कम से कम 2 हिंदू नेताओं की हत्या कर दी गई। स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों को नौकरी में कोटा देने के मुद्दे पर छात्रों द्वारा हिंसक विरोध प्रदर्शन के बाद हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में अवामी लीग के 20 नेताओं के शव मिले हैं।
समुदाय के नेताओं ने मंगलवार को यह जानकारी दी। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद नेता काजोल देबनाथ ने यहां समूह की एक बैठक से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने देश के विभिन्न हिस्सों में हुई बर्बरता की कुछ घटनाओं को संकलित किया है, जिससे हिंदू और अन्य अल्पसंख्यक समुदाय चिंतित हैं।” देबनाथ ने बताया कि उपलब्ध जानकारी के अनुसार, दो हिंदू नेताओं की उत्तर-पश्चिमी सिराजगंज और रंगपुर में हत्या कर दी गई, जो हसीना की अवामी लीग पार्टी के नेता थे। उन्होंने कहा कि परिषद अभी और जानकारी एकत्र कर रही है।
देबनाथ ने कहा कि हमलावरों ने ‘‘दुकानों, मंदिरों और घरों में लूटपाट की और हिंदू महिलाओं पर हमला किया।” परिषद के नेताओं के अनुसार, जिन जिलों में धार्मिक अल्पसंख्यकों और उनके घरों या व्यवसायों पर हमला किया गया, उनमें पंचगढ़, दिनाजपुर, रंगपुर, बोगुरा, सिराजगंज, शेरपुर, किशोरगंज, पश्चिम जशोर, मगुरा, नरैल, दक्षिणपश्चिम खुलना, पटुआखली, सतखीरा, मध्य नरसिंगडी, तंगैल, उत्तर पश्चिम लक्खीपुर, फेनी, चटगांव और हबीगंज शामिल हैं।