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Monkeypox: अस्पतालों में सुरक्षित किए जाने लगे मंकीपॉक्स के लिए बेड, 32 लैब हुईं तैयार, MoHFW की तैयारियां

Monkeypox: मंकीपॉक्स को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निगरानी के बाद देशभर में बड़े स्तर पर तैयारी शुरू हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस बीमारी से निपटने के लिए देश के सभी प्रमुख अस्पतालों में न सिर्फ बेड को सुरक्षित किए जाने लगे हैं। बल्कि प्रमुख लैब को भी अलर्ट कर बीमारी के निदान के दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। मंगलवार को हुई केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के महत्वपूर्ण बैठक में देश की 32 लैब को मंकी पॉक्स के परीक्षण और उसके निदान के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।

इसके अलावा दिल्ली स्थित ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज समेत सभी प्रमुख अस्पतालों में बेड सुरक्षित रखने के लिए दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने देश में ‘मंकी पॉक्स’ (एमपॉक्स) के मद्देनजर निगरानी बढ़ाने और मामलों का तेजी से पता लगाने के लिए प्रभावी उपाय करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एमपॉक्स की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।

पीएमओ स्तर से लगातार हो रही निगरानी के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को मंकीपॉक्स को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के सभी प्रमुख अस्पतालों में मरीजों के लिए बेड को सुरक्षित रखने प्रमुख लैब में मंकी पॉक्स के परीक्षण करने की तैयारी का जायजा लिया। इस बैठक में शामिल केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री कार्यालय से लगातार मंकी पॉक्स की तैयारी को लेकर निगरानी की जा रही है। यही वजह है कि देश के सभी राज्यों से दिन में अपडेट लेकर आगे की तैयारी का पूरा रोड मैप बनाया जा रहा है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को इस बीमारी से बचने के लिए देश की 32 लैब को चिन्हित कर मंकीपॉक्स के परीक्षण और उसके निदान के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने दिल्ली स्थित एम्स समेत राम मनोहर लोहिया अस्पताल, सफदरजंग अस्पताल समेत लेडी हार्डिंग को इस बीमारी से निपटने के लिए तैयार रहने के लिए कहा है। इसके अलावा इन अस्पतालों को रोगियों के बेहतर इलाज समेत उनकी गंभीरता को देखते हुए भी आगे के इलाज के लिए चुना गया है। इसके अलावा देश के सभी राज्यों के अस्पतालों को भी इस बीमारी से निपटने के लिए जरूरी दिशा निर्देश जारी किए जा चुके हैं।

इसमें राज्यों के मुख्य सचिव के माध्यम से निर्देश भेजा गया है कि प्रदेश की राजधानियों में मेडिकल कॉलेज समेत कुछ अन्य प्रमुख अस्पतालों को चिन्हित कर वहां पर बेड की संख्या सुनिश्चित की जाए। इसके अलावा जिलों में भी अस्पतालों को इस बीमारी से निपटने के लिए दिशा निर्देश भेजे गए हैं। जिसमें इस बीमारी को पहचानने और उसके तुरंत बाद के किए जाने वाले उपाय को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव पीके मिश्रा ने एक महत्वपूर्ण बैठक कर निर्देश दिया था कि मंकीपॉक्स को लेकर निगरानी बढ़ाई जाए और मामलों का शीघ्र पता लगाने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएं। उन्होंने यह भी निर्देश दिया था कि प्रारंभिक उपचार के लिए परीक्षण प्रयोगशालाओं के नेटवर्क को तैयार किया जाना चाहिए। मिश्रा ने उक्त बैठक में निर्देश दिया था कि बीमारी की रोकथाम और उपचार के लिए प्रोटोकॉल बड़े पैमाने पर प्रसारित किए जा सकते हैं। इसके बाद उन्होंने स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के बीच बीमारी के संकेतों और लक्षणों के बारे में जागरूकता अभियान एवं निगरानी प्रणाली को समय पर सूचित करने की आवश्यकता पर जोर दिया था।

बैठक में स्वास्थ्य सचिव अपूर्व चंद्रा ने कहा कि देश में इसके खतरे का आकलन करने के लिए लगातार मॉनिटरिंग की जा रही है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के विशेषज्ञों की एक बैठक में बचाव के लिए सभी उपयुक्त कदम उठाने के दिशा निर्देश दिए जा चुके हैं। अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर स्वास्थ्य दलों की ओर से निगरानी की जा रही है और राज्यों को भी इस संदर्भ में दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि दो दिन पहले महानिदेशक स्वास्थ्य सेवा (डीजीएचएस) ने 200 से अधिक प्रतिभागियों के साथ एक वीडियो कॉन्फ्रेंस की। इस संबंध में राज्यों में एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम (आईडीएसपी) इकाइयों और प्रवेश के बंदरगाहों आदि सहित राज्य स्तर पर स्वास्थ्य अधिकारियों को संवेदनशील बनाया गया।

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